मुरादाबाद को पीतल की नगरी कहा जाता है. कई लोग इस जिले का नाम मुगलकाल से जोड़ते हैं. कहा जाता है कि 1625 में इसका बदल नाम मुगल शासक शाहजहां के बेटे मुराद बक्श के नाम पर मुरादाबाद रखा गया था. यूपी में मुस्लिम राजनीति के पावर सेंटर में मुरादाबाद जिले का भी नाम आता है. वेस्ट यूपी की मुरादाबाद सीट काफी चर्चित मानी जाती है. यहां से क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन, शायर इमरान प्रतापगढ़ी जैसे चर्चित नाम चुनाव लड़ चुके हैं. हिंदू- मुस्लिम मतदाताओं के उलझे समीकरण की वजह से सांप्रदायिक तनाव यहां के चुनावों में अक्सर हावी रहता है. इस सीट पर हिंदू मतदाता करीब 55 फीसदी हैं लेकिन संगठित वोटिंग की वजह से इस सीट पर अधिकतर बार मुस्लिम उम्मीदवार ही जीतता रहा है. यह सीट बसपा- सपा का गढ़ रही है.अगर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो उस वक्त इस सीट पर रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या करीब 19 लाख 41 हजार थी. इनमें से मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 8 लाख 80 हजार थी. दूसरे शब्दों में कहें तो 55 पर्सेंट हिंदू और 45 पर्सेंट मुस्लिम वोटर थे. अगर हिंदू मतदाताओं में जातियों के आधार पर वर्गीकरण किया जाए तो सबसे ज्यादा करीब ढाई लाख यादव वोटर, डेढ़ लाख ठाकुर, डेढ लाख लाख सैनी, 2 लाख जाटव, 43 हजार बाल्मीकि, डेढ़ लाख बिश्नोई वोटर थे.
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