RD Calculator: RD (आवर्ती जमा) निवेशकों को उनके निवेशित धन पर गारंटी के साथ रिटर्न प्रदान करती है. वहीं एसआईपी निवेश का एक समान तरीका है जो म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए किया जाता है. दोनों में निवेशक एकमुश्त निवेश करने की बजाय समय-समय पर निश्चित निवेश कर सकते हैं.
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SIP Interest Rate: अपनी कमाई को अगर इंवेस्ट किया जाए तो उस पर रिटर्न हासिल किया जा सकता है. हालांकि रिटर्न ज्यादा हासिल करना है या कम हासिल करना है, ये इंवेस्टर के ऊपर निर्भर करता है. वर्तमान में इंवेस्टमेंट के कई सारे माध्यम मौजूद है. इनमें से कुछ माध्यम के जरिए ज्यादा रिटर्न हासिल किया जा सकता है तो कुछ माध्यम के जरिए कम रिटर्न हासिल होता है. बाजार में मौजूद इंवेस्टमेंट (Investment) के माध्यम में कम रिस्की माध्यम और ज्यादा रिस्की माध्यम भी उपलब्ध है. ऐसे में आज हम आपको आरडी (Recurring Deposit) और एसआईपी (SIP) के बारे में अंतर बताने वाले हैं, जिससे आप दोनों में से बेहतर निवेश का माध्यम चुन सकते हैं.
RD vs SIP
RD (आवर्ती जमा) निवेशकों को उनके निवेशित धन पर गारंटी के साथ रिटर्न प्रदान करती है. वहीं एसआईपी निवेश का एक समान तरीका है जो म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए किया जाता है. दोनों में निवेशक एकमुश्त निवेश करने की बजाय समय-समय पर निश्चित निवेश कर सकते हैं.
समानताएं
- दोनों निवेश मासिक या त्रैमासिक निवेश के सिद्धांत पर आधारित हैं.
- दोनों योजनाएं निवेशकों को एक अवधि के लिए छोटी रकम का निवेश करने और एक फंड बनाने की अनुमति देती हैं.
- दोनों योजनाओं को कभी भी रोका जा सकता है. निवेशक अपना पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन जल्दी निकलने के लिए शुल्क लग सकता है.
- यदि निवेश नियमित नहीं है, तो योजनाएं रोकी जा सकती हैं और निवेशकों को उन्हें फिर से शुरू करना पड़ सकता है.
अंतर
- आरडी एक विशिष्ट जमा योजना होती है जो आपको गारंटीड रिटर्न देती है. इनमें जोखिम नहीं होता है. वहीं निवेशकों की जोखिम क्षमता के आधार पर म्यूचुअल फंड में SIP कर अलग-अलग फंड में निवेश किया जा सकता है.
- आरडी योजनाओं में जोखिम नहीं होता है. आरडी में जितना रिटर्न बताया जाता है वो मिलता है. जबकि एसआईपी पर रिटर्न अलग-अलग हो सकता है. अगर कोई इक्विटी फंड चुनता है, तो वह स्टॉक मार्केट के आधार पर अपना सारा पैसा खो सकते हैं या मुनाफा हासिल कर सकते हैं. हालांकि लंबी अवधि के लिए SIP आमतौर पर अच्छा रिटर्न देती है.
- RD के लिए ब्याज दर निर्धारित है. इसलिए निवेशकों को पता होता है कि RD पूरी होने पर उन्हें कितनी राशि मिलेगी. वहीं दूसरी ओर एसआईपी से मिलने वाला रिटर्न बाजार से जुड़ा होता है. जब बाजार ऊपर जाता है, तो म्यूचुअल फंड अधिक पैसा बनाती है और अगर बाजार नीचे जाता है तो पैसा कम बनता है.
- RD में समय से पहले निकासी करने पर बैंकों के जरिए जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि SIP योजनाओं को कभी भी बंद किया जा सकता है और बिना किसी जुर्माना राशि के भी पैसा निकाला जा सकता है. लेकिन इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (ईएलएसएस) एसआईपी तीन साल के लॉक-इन के साथ आती है.
- टैक्स के मामले में आरडी टैक्स फ्रेंडली नहीं हैं. आरडी में अर्जित ब्याज पर आपकी आयकर दर पर टैक्स लगाया जाता है. लेकिन अगर आप एसआईपी में Debt Fund में निवेश करते हैं, तो वे कैपिटल गेन टैक्स के पात्र हैं.
RD vs SIP कौन बेहतर?
एक निवेशक को आरडी योजनाओं पर 5.8 फीसदी से 7 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. जबकि म्यूचुअल फंड में SIP करने पर फंड के प्रकार के आधार पर औसतन 12 फीसदी का रिटर्न हासिल किया जा सकता है. बाजार की स्थिति अनुकूल रहने पर यह 15-18 फीसदी तक जा सकता है. लॉन्ग टर्म योजनाओं में अधिक लाभ हो सकता है क्योंकि चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding Interest) पर निवेशकों को लाभ होता है.
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