अफवाह और झूठ फैलाने वाले वामपंथी चैनल के एडिटर पर FIR दर्ज

जब पूरा देश एकजुट होकर कोरोना वायरस से लड़ रहा है तो कई ऐसे वामपंथी पत्रकार और वामी न्यूज़ चैनल हैं जो देश में अराजकता फैलाने के लिए भ्रम और अफवाहों को फैला रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 2, 2020, 11:15 AM IST
    • तबलीगी जमात को बचाने की कोशिश में वामपंथी पत्रकार
    • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर की अभद्र टिप्पणी
    • राम नवमी के कार्यक्रम के बारे में किया झूठा प्रचार
    • सीएम योगी के मीडिया सलाहकार की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी
   अफवाह और झूठ फैलाने वाले वामपंथी चैनल के एडिटर पर FIR दर्ज

नई दिल्ली: भारत में कई ऐसे लेफ्ट पोषित चैनल हैं जो देश में न्यूज़ के नाम पर हमेशा झूठ, अफवाह और टुकड़े टुकड़े गैंग का एजेंडा चलाते हैं. इनमें 'द वायर' ( 'The Wire' ) नामक वामपंथी वेबसाइट भी शामिल रहती है.  इस वेबसाइट के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अशोभनीय टिप्पणी करने और अफवाह फैलाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन पर अफवाह फैलाने का आरोप है. बता दें कि सिद्धार्थ वरदराजन पर बुधवार 1 अप्रेल को एफआईआर दर्ज की गई. उनके खिलाफ अयोध्या कोतवाली में धारा 188 और 505 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है.

तबलीगी जमात को डिफेंड करने के लिए लिया झूठ का सहारा

आपको बता दें कि उक्त वेबसाइट के संपादक ने सीएम योगी पर झूठी टिप्पणी करते हुए कहा था, '' जिस दिन तब्लीगी जमात का आयोजन हुआ था, उस दिन योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा था कि 25 मार्च से 2 अप्रैल तक रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में आयोजित होने वाला एक बड़ा मेला हमेशा की तरह आयोजित होगा.''  इसे लेकर सीएम योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने उन्हें आगाह भी किया था लेकिन 'द वायर' के संपादक के ना मानने पर मृत्युंजय कुमार के कहने पर ही ये मुकदमा दर्ज किया गया है.

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कंटेन्ट डिलीट करने की चेतावनी मिलने पर भी नही सुधरा वामी पत्रकार

मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट के जरिए दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, 'हमारी चेतावनी के बावजूद इन्होंने अपने झूठ को ना डिलीट किया ना माफी मांगी. कार्रवाई की बात कही थी, FIR दर्ज हो चुकी है आगे की कार्रवाई की जा रही है.अगर आप भी योगी सरकार के बारे में झूठ फैलाने के की सोच रहे है तो कृपया ऐसे ख्याल दिमाग से निकाल दें.'

जेहादियों को बचाने के लिए हमेशा अफवाहें फैलाते हैं ये लोग

देश में टुकड़े टुकड़े गैंग और देश विरोधी लोगों का पक्ष रखने के लिए कई लेफ्ट वेबसाइट फेक न्यूज और अफवाहों का सहारा लेते हैं. इससे पहले द प्रिंट नामक वेबसाइट ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था. टेलीग्राफ नामक अंग्रेजी अखबार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए वायरस शब्द का इस्तेमाल किया था उक्त तथ्यों से पता चलता है कि झूठ, भ्रम और अफवाह इन वेबसाइटों का असली एजेंडा है. देश का आम नागरिक इनकी असलियत जानता है लेकिन फिर भी ये लोग स्वभाव से कट्टरपंथी होने के कारण अपनी करतूतों से बाज नहीं आते.

 

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