नई दिल्ली: भारत में कई ऐसे लेफ्ट पोषित चैनल हैं जो देश में न्यूज़ के नाम पर हमेशा झूठ, अफवाह और टुकड़े टुकड़े गैंग का एजेंडा चलाते हैं. इनमें 'द वायर' ( 'The Wire' ) नामक वामपंथी वेबसाइट भी शामिल रहती है. इस वेबसाइट के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अशोभनीय टिप्पणी करने और अफवाह फैलाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन पर अफवाह फैलाने का आरोप है. बता दें कि सिद्धार्थ वरदराजन पर बुधवार 1 अप्रेल को एफआईआर दर्ज की गई. उनके खिलाफ अयोध्या कोतवाली में धारा 188 और 505 (2) के तहत केस दर्ज किया गया है.
तबलीगी जमात को डिफेंड करने के लिए लिया झूठ का सहारा
आपको बता दें कि उक्त वेबसाइट के संपादक ने सीएम योगी पर झूठी टिप्पणी करते हुए कहा था, '' जिस दिन तब्लीगी जमात का आयोजन हुआ था, उस दिन योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा था कि 25 मार्च से 2 अप्रैल तक रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में आयोजित होने वाला एक बड़ा मेला हमेशा की तरह आयोजित होगा.'' इसे लेकर सीएम योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने उन्हें आगाह भी किया था लेकिन 'द वायर' के संपादक के ना मानने पर मृत्युंजय कुमार के कहने पर ही ये मुकदमा दर्ज किया गया है.
कोरोना के मरीजों की संख्या पहुंची 2000 के करीब
झूठ फैलाने का प्रयास ना करे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कभी ऐसी कोई बात नहीं कही है। इसे फ़ौरन डिलीट करे अन्यथा इस पर कार्यवाही की जाएगी तथा डिफ़ेमेशन का केस भी लगाया जाएगा। वेबसाईट के साथ-साथ केस लड़ने के लिए भी डोनेशन माँगना पड़ेगा फिर। https://t.co/2rEJmToLIh
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) April 1, 2020
कंटेन्ट डिलीट करने की चेतावनी मिलने पर भी नही सुधरा वामी पत्रकार
मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट के जरिए दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, 'हमारी चेतावनी के बावजूद इन्होंने अपने झूठ को ना डिलीट किया ना माफी मांगी. कार्रवाई की बात कही थी, FIR दर्ज हो चुकी है आगे की कार्रवाई की जा रही है.अगर आप भी योगी सरकार के बारे में झूठ फैलाने के की सोच रहे है तो कृपया ऐसे ख्याल दिमाग से निकाल दें.'
जेहादियों को बचाने के लिए हमेशा अफवाहें फैलाते हैं ये लोग
देश में टुकड़े टुकड़े गैंग और देश विरोधी लोगों का पक्ष रखने के लिए कई लेफ्ट वेबसाइट फेक न्यूज और अफवाहों का सहारा लेते हैं. इससे पहले द प्रिंट नामक वेबसाइट ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था. टेलीग्राफ नामक अंग्रेजी अखबार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए वायरस शब्द का इस्तेमाल किया था उक्त तथ्यों से पता चलता है कि झूठ, भ्रम और अफवाह इन वेबसाइटों का असली एजेंडा है. देश का आम नागरिक इनकी असलियत जानता है लेकिन फिर भी ये लोग स्वभाव से कट्टरपंथी होने के कारण अपनी करतूतों से बाज नहीं आते.