लखनऊ: कोरोना का कहर देश भर में बढ़ रहा है. तबलीगी जमात में शामिल लोगों के इधर-उधर फैलने से मामलों में अचानक तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसे लेकर अब फतवों का सिलसिला शुरू हुआ है. तबलीगी जमात की लापरवाही सामने आने के बाद अब खुद मुस्लिम समुदाय के प्रतिष्ठित संगठनों के लोग सामने आए हैं.
कोरोना के खतरे के बीच फतवे जारी किए गए हैं कि कोई संक्रमित इसे छिपाए नहीं. दरअसल, तबलीगी जमात के कई लोग अभी भी सामने नहीं आए हैं और उनके कोरोना संदिग्ध होने की आशंका है.
दारुल उलूम फिरंगी महल ने जारी किया फतवा
निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए कुछ जमातियों के कोरोना संक्रमित होने और देश के अलग-अलग कोने में छिपे होने की खबरों के बीच दारुल उलूम फिरंगी महल लखनऊ ने एक फतवा जारी किया है. जिसमें इस्लाम को मानने वालों को कोरोना का टेस्ट कराने के लिए कहा गया है.
Darul Uloom Firangi Mahal Lucknow today issued a 'Fatwa' that getting tested and treated for Coronavirus is important for all, and hiding this disease is a crime. Putting one's own and lives of others in danger is forbidden in Islam: Maulana Khalid Rashid Firangi Mahali pic.twitter.com/NBi5LcNeIt
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2020
फिरंगी महली ने फतवे के जरिए कहा है कि कोरोना को छिपाना कतई जायज नहीं है, अगर लोग महामारी में अपना इलाज और टेस्ट नहीं कराते हैं तो ये बिल्कुल गैर शरई हैं. इस्लाम में एक इंसान की जान बचाना कई इंसानों की जान बचाने जैसा है.
कोरोना टेस्ट नहीं करा रहे हैं तबलीगी जमात से लौटे लोग
फतवा ऐसे वक्त में आया है, जब कोरोना संकट के बीच हुए निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के आयोजन पर सवाल उठ रहे हैं. अब तक आई जांच रिपोर्ट में लगभग 400 जमातियों में कोरोना की पुष्टि हुई है. जबकि कुछ रिपोर्ट्स का आना बाकि है.
चिंता की बात ये है कि हजारों की संख्या में मरकज में शामिल होकर लौटे जमाती देश के अलग-अलग कोने तक पहुंच चुके हैं. वे न तो खुद सामने आ रहे हैं और ना ही कोरोना टेस्ट कराने के लिए मान रहे हैं.
घरों में ही नमाज पढ़ें: दारूल उलूम देवबंद
उधर, सहारनपुर में दारुल उलूम देवबंद की ओर से कोरोना संकट पर मस्जिद में एक साथ केवल 5 लोगों के नमाज पढ़ने का फतवा जारी किया है. फतवे के मुताबिक मस्जिदों में इमाम सहित पांच लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज अदा करें. इसके अलावा सभी लोग अपने-अपने घरों में रहकर ही नमाज पढ़ें. उलेमाओं ने कहा कि कोरोना की रोकथाम पर बने नियम कानून को गंभीरता से लेने की जरूरत है.