नई दिल्ली: चीन प्रायोजित कोरोना वायरस का संक्रमण कई देशों को अपना शिकार बना चुका है. हजारों लोगों की जान लेने वाला ये वायरस लगभग सभी देशों में दस्तक दे चुका है. इस संकट में न्यूजीलैंड एक ऐसा देश है जहां ये वायरस कहर नहीं बरपा सका है. अब तक वहां केवल दो लोगों की जान गई है. भारत और न्यूजीलैंड में एक साथ ही लॉक डाउन शुरू हुआ था. इस सफलता के पीछे न्यूजीलैंड की 39 वर्षीय महिला प्रधानमंत्री और जनता के बीच कुशल समन्वय का हाथ है.
न्यूजीलैंड में 24 मार्च को हुई थी लॉकडाउन की घोषणा
लॉकडाउन की घोषणा के समय न्यूजीलैंड में कोरोना के केवल 29 मामले सामने आए थे जबकि भारत में यह आंकड़ा 590 के करीब था. न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने चार हफ्तों के लॉकडाउन की घोषणा की है. न्यूजीलैंड में अब तक केवल दो लोगों की जान गई है.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी दिन देश के नाम संबोधन में 21 दिनों के लॉकडाउन का एलान किया था. न्यूजीलैंड की तरह भारत में भी राशन, सब्जी, दवा की दुकानों को छोड़कर सबकुछ बंद है। दोनों देश सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए दोनों देशों ने अपनी आबादी को घरों में कैद किया हुआ है. इसके बावजूद भारत में संक्रमितों की संख्या 6400 से ऊपर है और न्यूजीलैंड में 1200 के करीब.
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न्यूजीलैंड में घट रहे कोरोना के मामले
आपको बता दें कि न्यूजीलैंड में महिला प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्नर्ड की आयु मात्र 39 वर्ष है. इसके बावजूद उन्होंने पूरी परिपक्वता का परिचय देते हुए स्थिति का सामना किया. एक तरह से न्यूजीलैंड ने कोरोना पर काबू पा लिया है और यहां लगातार मामलों में कमी नजर जा रही है. यहां लगातार चौथे दिन मामलों में गिरावट दर्ज की गई. वहीं भारत की बात करें तो यहां मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. न्यूजीलैंड में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है जो अच्छा संकेत है.
भारत की जनसख्या न्यूजीलैंड से बहुत अधिक
न्यूजीलैंड की आबादी केवल 50 लाख है जो दिल्ली की जनसंख्या के करीब एक चौथाई है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या उसकी 130 करोड़ से भी अधिक आबादी है. इसके बावजूद भारत में संक्रमण नियंत्रित है और पीएम मोदी की चारों तरफ तारीफ भी हो रही है.
उल्लेखनीय है कि न्यूजीलैंड में जिस समय 29 मामले दर्ज किए गए थे तो उसने तभी 19 मार्च को विदेशियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. भारत ने लगभग 12 मार्च के आस-पास विदेशियों के प्रवेश पर रोक लगाई थी.