अमेरिका में सैन्य ठिकानों पर कोरोना अटैक, निशाने पर परमाणु ठिकाने

कोरोना के संकट से दुनिया में हाहाकार है और हर देश इससे निजात पाने में जी जान से जुटा है. यूरोप के बाद अमेरिका अब इस महामारी का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. अमेरिका अपने लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहा है. इस बीच अब कोरोना वायरस की पहुंच उसके परमाणु ठिकानों तक पहुंच गई है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 12, 2020, 03:57 PM IST
    1. अमेरिका में सैन्य ठिकानों पर कोरोना अटैक
    2. कोरोना के निशाने पर अमेरिका के परमाणु ठिकाने
    3. अमेरिका की जल-थल-वायु सेना पर कोरोना आफत
    4. अमेरिका की आर्मी पर 'आपातकाल'
अमेरिका में सैन्य ठिकानों पर कोरोना अटैक, निशाने पर परमाणु ठिकाने

नई दिल्ली: दुनिया की महाशक्तियों का किंग अमेरिका इस वक्त कोरोना संकट का सबसे बड़ा शिकार है. अमेरिका में मौत का ये वायरस हर दिन अपनी रफ्तार बढ़ाता जा रहा है. संक्रमित और मारे गये लोगों का आंकड़ा हर घंटे बढ़ रहा है और इसका मुकाबला करने में अमेरिका जैसे मुल्क का भी दम निकल रहा है. लेकिन, मुसीबत अब और बढ़ गई जो ना सिर्फ अमेरिका के लिए बल्कि दुनिया भर के लिए ख़तरे का अलॉर्म है.

अमेरिका में सैन्य ठिकानों पर कोरोना अटैक

अमेरिका के सैन्य ठिकानों तक कोरोना ने अपनी पैठ बना ली है और सबसे बड़ी बात ये कि अब इस कोरोना वायरस ने अमेरिका के परमाणु ठिकानों में घुसपैठ कर ली है. इसका खुलासा दुनिया में हथियारों की निगरानी करने वाली संस्था सिप्री के एक वैज्ञानिक ने किया है.

कोरोना के निशाने पर अमेरिका के परमाणु ठिकाने

अगर ये सही है तो इसका असर अमेरिका के परमाणु हथियारों पर होगा. जिसका फायदा कोई भी आतंकी संगठन उठा सकता है. अगर ऐसा हुआ और एक भी परमाणु हथियार किसी आतंकी के पास पहुंच गया तो इसका खामियाजा पूरी दुनिया को उठाना पड़ सकता है.

अमेरिका की आर्मी पर 'आपातकाल'

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना पॉजिटिव सैनिकों की संख्या 3 हज़ार से अधिक है. संक्रमित सैनिकों की ये संख्या सिर्फ एक हफ्ते में ही दो गुना बढ़ गई है और अगर हालात ऐसे ही रहे तो जल्द ही बड़ी संख्या में सैनिक कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. इसका सबसे बुरा असर सुरक्षा पर होगा.

वहीं अमेरिका पत्रिका न्यूज़ वीक की मानें तो, सुपरपावर अमेरिका के 41 राज्यों में 150 सैन्य ठिकानों तक कोरोना वायरस ने अपनी पहुंच बना ली है. जानकारी के अनुसार इस खतरनाक वायरस की चपेट में 4 परमाणु ऊर्जा चालित विमानवाहक पोत भी आ गए हैं. इतना ही नहीं, वहां बड़ी संख्या में सैनिक और अधिकारियों में कोरोना संक्रमण पाने की बात सामने आ रही है. जबकि अब भी कई लोगों में इसके बढ़ने का ख़तरा बरकरार है. दरअसल, अमेरिकी विमानवाहक यूएसएस थियोडोर रुजवेल्ट के करीब 4 हजार नौसैनिकों कोरोना की जांच के लिए गुआम ले जाया गया है.

अमेरिका की जल-थल-वायु सेना पर कोरोना आफत

मतलब साफ है कि अमेरिका की जल-थल और वायु सेना अब कोरोना की गिरफ्त में है और ये अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चिंता है. आर्मी में ऐसे आपातकाल से ना सिर्फ अमेरिका परेशान है, बल्कि आम अमेरिकी भी अपनी खुद की सुरक्षा को लेकर परेशान है. यही वजह कि यहां बड़ी संख्या में लोग हथियारों की खरीदारी कर रहे हैं.

आंकड़ों की मानें तो कोरोना संकट के इस दौर में अमेरिका में मार्च 2020 में 19 लाख हथियार खरीदे गये हैं. जो अमेरिकी इतिहास में हथियारों की दूसरी सबसे बड़ी खरीदारी है. इससे पहले 2013 में लोगों ने 20 लाख हथियार खरीदे थे. जबकि, आंकड़े ये भी कहते हैं कि साल 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुआ आतंकी हमलों के बाद करीब 8 लाख लोगों ने हथियारों की खरीदारी की थी.

लोगों में डर और कल को लेकर चिंता का आलम ऐसा ही रहा तो जल्द ही अमेरिकी इतिहास में हथियारों की खरीदारी का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बन सकता है.

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कुल मिलाकर कोरोना वायरस ने अमेरिका को पूरी तरह से बंधक बना दिया है. बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, आर्मी में आपातकाल है और आम जनता आशंकित है. ऐसे में इस चौतरफा मुसीबत से लड़ना और उस जीत हासिल करना अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती है.

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