चीन के षड्यंत्र का राज खोलती हैं दुनिया की ये 6 कांस्पिरेसी थ्योरी

आखिर कब तक बचता रहेगा चीन दुनिया के सवालों से? चीन दुनिया भर में मानवता का ढोंग करते हुए चीनी वायरस कोरोना से आतंकित देशों को मदद की पेशकश कर रहा है लेकिन अपनी तरफ उठने वाली किसी भी उंगली को चीन ने अब तक कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया है. यही बात कहती हैं 6 कांस्पिरेसी थ्योरीज़ कि कोरोना साजिश की दाल में बड़ा काला है और इस काले का नाम है चीन.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 12, 2020, 06:59 AM IST
चीन के षड्यंत्र का राज खोलती हैं दुनिया की ये 6 कांस्पिरेसी थ्योरी

नई दिल्ली: सवाल ये है कि आखिर दुनिया बार-बार क्यों चीन पर सवाल खड़े कर रही है, क्यों बार-बार ये कहा जा रहा है कि कोरोना कोई प्राकृतिक संक्रमण नहीं बल्कि एक सोची-समझी साजिश है जिसके पीछे है चीन. कोई तो वजह है कि कोरोना के वैश्विक संक्रमण के पीछे न केवल चीन का षडयन्त्र माना जा रहा है बल्कि ये भी कहा जा रहा है कि कोरोना चीन का जैविक हथियार है. इन वजहों को सवाल मान कर उठने वाली उंगलियां चार कांस्पिरेसी थ्योरीज़ पेश कर रही हैं जिनको जवाब चाहिये.

कांस्पिरेसी थ्योरी नंबर 1

ये बात तो सबके सामने आ गई कि कोरोना संक्रमण चीन के वूहान शहर से फैला क्योंकि ये खुद चीन ने दुनिया को बताया था पर जो बात चीन ने नहीं बताई वो भी सामने आ गईं कांस्पिरेसी थ्योरीज़ के रूप में. इस पहली थ्योरी के अनुसार दुनिया में कोरोना फैलने के साथ ही ये संदेह भी फैल गया कि चीन ने इस  बीमारी की जानकारियां छिपाई थीं.

ये बात भी सामने आई कि चीन में इस बीमारी के बारे में सबसे पहले बताने वाले डॉक्टरों को भी धमकियां देकर चुप करा दिया गया इनमें से एक को गायब करा दिया गया और दूसरे को कोरोना से ही संक्रमित करके मार दिया गया. वुहान के इन डॉक्टरों को कोरोना वायरस के संक्रमण का पहले ही पता चल चुका था. वुहान सेंट्रल अस्पताल में काम करने वाली जिस डॉक्टर को गायब करके शायद मार दिया गया है उसका नाम आई फेन है.

कांस्पिरेसी थ्योरी नंबर 2

कांस्पिरेसी थ्योरी नंबर दो आई थी थ्योरी नंबर एक के साथ ही जिसके अनुसार 39 साल पहले ही इस साजिश की जानकारी दे दी गई थी. 1981 में छपे एक अंग्रेजी उपन्यास में इस वायरस के बारे में लिखा जा चुका था. उस उपन्यास का नाम The Eyes of Darkness जिसके एक पैराग्राफ में ‘Wuhan-400’ नामक वायरस का जिक्र किया गया है जो चीन के वुहान की ही एक प्रयोगशाला में बनाया गया था.

कांस्पिरेसी थ्योरी नंबर 3

ये थ्योरी कहती है कि कोरोना वायरस चीन के वेट मार्केट से नहीं फैला, बल्कि वहां की एक लैब Institute of Virology से लीक हो गया है. इस लैब का नाम Institute of Virology बताया जा रहा है जिसके बारे में ये प्रसिद्ध है कि वायरस विज्ञान पर यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है.

दुनिया भर के खतरनाक वायरसों पर रिसर्च करने वाली इस नेशनल बायोसेफ्टी लैब  के वैज्ञानिकों की लापरवाही से कोरोना नामक एक वायरस लीक हो गया जो कि वहां काम करने वालों से होता हुआ वुहान के वेट मार्केट तक पहुंच गया. कई अमेरिकन और यूरोपियन अखबारों में इस तरह की रिपोर्ट भी आ रही है.

कांस्पिरेसी थ्योरी नंबर 4

खुद चीन ने जन्म दिया है इस थ्योरी को जिसके कारण चीन के इस साजिश में हांथ रंगे होने की पुष्टि होती है. इस थ्योरी के अनुसार कोरोना वायरस चीन के सी-फूड मार्केट में पैदा हुआ था.

चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्टों के माध्यम से इस थ्योरी की पुष्टि करने की कोशिश हुई और बताया गया कि कोरोना के शुरुआती मामले सी-फूड मार्केट से जुड़े हुए पाये गये थे जिसके कारण चीन सरकार ने ये मार्केट 1 जनवरी को बंद कर दिया था. इसके बाद इंटरनेट पर लगातार मांसाहारी खाने के खिलाफ मुहिम छेड़ दी गई थी और चेतावनी दी जा रही थी कि मांस खाने से कोरोना वायरस फैल सकता है.

कांस्पिरेसी थ्योरी नंबर 5

इस थ्योरी में कहा गया कि 5जी इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण वुहान में कोरोना वायरस फैला. कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात को जोरदार तरीके से उड़ाया गया और फिर उसका असर यूके में दिखने लगा जब वहां लोग 5जी टावर को ही जलाने लगे. पिछले कुछ दिनों में 5जी टावर को आग लगाने की बहुत सी घटनाएं देखी गई हैं.

इतना ही नहीं इन टावरों पर काम कर रहे श्रमिकों को भी तंग किया जा रहा है ताकि 5जी शुरू न हो सके. हालांकि ये बात सिरे से ही खारिज करने लायक है क्योंकि जिन देशों में 5जी नहीं है, वायरस वहां भी फैल चुका है, जैसे ईरान और भारत.

कांस्पिरेसी थ्योरी नंबर 6

इस थ्योरी में चीन और बिल गेट्स की मिली भगत बताई जा रही है. इसके अनुसार कोरोना वायरस चीन द्वारा जान बूझ कर फैलाया गया है ताकि चीन, बिल गेट्स और दुनिया की बड़ी दवा कंपनियों को फायदा पहुंचे. 

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