लखनऊ: पूरे देश के हजारों छात्र कोटा में इंजीनियर और डॉक्टर बनने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. 22 मार्च को लॉकडाउन हुआ तो इन बच्चों ने किसी तरह अपना समय गुजार लिया. बाद में लॉकडाउन के दूसरे चरण में 19 दिन बढ़ने के बाद यह छात्र परेशान हो उठे.
गौरतलब है कि कई छात्रों ने अभियान चलाया, तो किसी ने भाजपा के स्थानीय सांसद-विधायक से गुहार लगाई. इनकी पीड़ा, दर्द और तकलीफ सीएम योगी ने समझी और तुरंत इन्हें वापस अपने घर भेजने की योजना बनाई. सीएम योगी आदित्यानाथ ने गुरुवार रात प्रदेश की तीन सौ बसें कोटा भेजने का निर्णय लिया. इससे पता चलता है कि उन्हें अपनी जनता की कितनी चिंता रहती है.
ओम बिरला ने सीएम योगी से बात की थी
कोटा के सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इन बच्चों की समस्याओं पर चर्चा की थी. उसके बाद इन छात्रों को वापस लाने पर काम शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि यूपी से कोटा 250 बसें भेजी गई हैं जिनमे सभी छात्रों को उनके गृह जनपद भेजा जा रहा है.
पहले भी योगी ने दिया महान उदारता का परिचय
विपक्ष के नेता सियासत करने के लिए योगी आदित्यनाथ को बहुत कठोर मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की कोशिश करते हैं. लेकिन अपने उदार और जनहित वाले फैसलों से उन्होंने साबित कर दिया है कि उनके जनसेवा से बढ़कर कुछ भी नहीं. जब दिल्ली से कई राज्यों के मजदूर पैदल चलकर बिहार आदि राज्यों में अपने घर जा रहे थे तब योगी आदित्यनाथ ने भावुक और संवेदनशील चरित्र का परिचय देते हुए उन्हें घर भेजने के लिए कई बसों की व्यवस्था की थी. अब यही उन्होंने कोटा के असहाय छात्रों के लिए किया.
कोरोना 'काल' में क्या है भारत का हाल? जानिए, यहां
डॉक्टरों और पुलिसवालों की भी योगी को चिंता
उत्तरप्रदेश में कई जगहों पर कोरोना वायरस से संक्रमित जेहादी जमातियों ने जब निर्दोष डॉक्टरों और पुलिसवालों पर हमला किया और अस्पतालों में नर्सों से अभद्रता की तो सीएम योगी ने उन पर रासुका लगाने का आदेश ताकि इन जाहिलों को कठोर दंड दिया जा सके.
आपको बता दें कि इसके साथ ही लगभग 150 बसें छात्रों को लेकर कोटा से निकल गयी हैं. उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में सभी यूपी के छात्र अपने घरों तक पहुंच जाएंगे.
इसके पहले कोटा में रहने वाले कुछ विद्यार्थी बिहार भी पहुंचे. कोटा के डीएम ने ऐसे कुछ विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को सड़क मार्ग से बिहार आने के लिए वाहनों के पास जारी कर दिए थे. निजी वाहनों को बिहार के लिए पास जारी करने की सूूचना राज्य सरकार को देर से मिली. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इनकी पीड़ा नहीं दिखी. अब ये बिहारी भी योगी आदित्यनाथ के सहारे हैं.
जमातियों पर नकेल कसने का "योगी मॉडल": ढूंढ-ढूंढकर होगा कोरोना टेस्ट