Healing Therapy: दुख चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो, लेकिन इन थेरेपी के आगे नहीं टिकेगा
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Healing Therapy: दुख चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो, लेकिन इन थेरेपी के आगे नहीं टिकेगा

अगर आप भी किसी दुख का सामना कर रहे हैं और उससे निकलने का रास्ता नहीं दिख रहा है, तो इन थेरेपी को आजमा कर जरूर देखें.

सांकेतिक तस्वीर

जीवन में सुख-दुख चलते रहते हैं. लेकिन कई बार दुख इतना बड़ा हो जाता है कि समझ ही नहीं आता, उससे कैसे निकला जाए. जब दुख हद से ज्यादा बढ़ जाता है, तो तनाव व अवसाद का कारण बनता है. जिससे मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. दुनिया में ऐसा कोई भी शख्स नहीं है, जिसे दुख का सामना ना करना पड़ा हो. लेकिन यह भी जान लीजिए कि ऐसा भी कोई दुख नहीं है, जिससे निकला ना जा सके.

दुख से निकलने में यहां बताई गई थेरेपी मदद कर सकती हैं. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

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दुख से निकलने में मदद करने वाली थेरेपी (Therapy to heal grief)

वॉकिंग थेरेपी (walking therapy)
वॉकिंग थेरेपी एक तरह की एक्सरसाइज है. वॉकिंग थेरेपी के तहत आपको चलने के लिए कहा जाता है. लेकिन यह चलना सामान्य चलना नहीं होता है. आपको प्रकृति के बीच चलाया जाता है और चलते-चलते मनोचिकित्सक आपका दुख जानने और उसे कम करने की सलाह देता है. कुछ लोगों के लिए यह थेरेपी काफी कारगर है, क्योंकि वह चलते हुए खुद को ज्यादा अच्छी तरह व्यक्त कर पाते हैं.

कुकिंग थेरेपी (cooking therapy)
तनाव व दुख से उबरने के लिए कुकिंग थेरेपी काफी मददगार देखी गई है. क्योंकि, कुछ लोगों को नयी रेसिपी बनाना काफी पसंद आता है. जिस दौरान वह अपना सारा दुख व तनाव भूल जाते हैं और हल्का महसूस करते हैं.

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लाफ्टर योगा (laughter yoga)
आप ने सुबह के समय अपने आसपास के पार्क में जरूर कुछ लोगों को देखा होगा, जो खूब तेज-तेज हंसते हैं. दरअसल, इसे ही लाफ्टर योगा कहा जाता है. इससे शरीर में एंडोर्फिन हॉर्मोन रिलीज होता है, जो आपको खुश रहने में मदद करता है. आप इस थेरेपी को ग्रुप में कर सकते हैं.

आर्ट थेरेपी (art therapy)
कुकिंग थेरेपी की तरह आर्ट थेरेपी भी काम करती है. इस थेरेपी में लोगों को आर्ट के प्रति प्रेरित किया जाता है. उन्हें पेंटिंग, लिखने या कुछ नया बनाने के लिए कहा जाता है. जो कि उनके अंदर की भावनाओं को व्यक्त करता हो. इस तरह वह समय के साथ हल्का और खुशनुमा महसूस करने लगते हैं.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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