मान्यता है कि इस गांव के लोगों को भगवान शंकर (God Shiva) का आदेश है कि उन्हें प्रेमी-जोड़ों (Couples) की रक्षा करनी ही है. पांडव जब अज्ञातवास के दौरान इस इलाके में पहुंचे थे तो यहां के लोगों ने उन्हें शरण दी थी और शंगचूल महादेव (Shangchul Mahadev) ने उनकी रक्षा की थी.
Trending Photos
Lovers Safty at Shangchul Mahadev Mandir: कई प्रेमी युगल (Couples) अपने प्यार को मुकम्मल अंजाम तक पहुंचाने के लिए घर छोड़कर भाग जाते हैं. हालांकि कई बार वह पुलिस के द्वारा पकड़ लिए जाते हैं और कई बार उनके परिवार वाले उन्हें ढूंढ लेते हैं. ऐसे प्रेमियों के लिए हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) का एक शिव मंदिर (Shiv Mandir) बहुत ही सुरक्षित जगह है.
घर से भागे प्रेमियों को भले ही समाज में मदद नहीं मिलती हो, लेकिन दावा किया जाता है कि इस मंदिर में स्वयं महादेव प्रेमी जोड़ों की रक्षा करते हैं और उन्हें संरक्षण देते हैं. यह मंदिर एक ऐसी जगह है जहां ना तो पुलिस से पकड़े जाने का कोई डर होता है और ना ही समाज उनके पीछे पड़ता है. भागकर आए प्रेमी जोड़ों के लिए यहां रहने की उचित व्यवस्था की जाती है.
इस मंदिर परिसर में रहने वाले लोग प्रेमी जोड़ों का किसी मेहमान की तरह आवभगत करते हैं. यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू (Kullu) में स्थित है. इसका नाम शंगचूल महादेव मंदिर (Shangchul Mahadev Mandir) है. प्रेमी जोड़ों के लिए यह सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है. कुल्लू जिले के शांघड़ गांव में एक बहुत ही अनोखी परंपरा है. अगर गांव में स्थित शंगचूल महादेव मंदिर की सीमा तक कोई प्रेमी जोड़ा आ जाता है तो उनकी रक्षा करना मंदिर के लोगों का फर्ज है.
ये भी पढ़ें- Video: झूले पर बैठकर फोटोशूट करा रही थी दुल्हन, रस्सी टूटी और फिर पानी में हुआ ऐसा हाल
माना जाता है कि इस गांव के लोगों को भगवान शंकर का आदेश है कि उन्हें प्रेमी-जोड़ों की रक्षा करनी ही है. मान्यता है कि पांडव जब अज्ञातवास के दौरान इस इलाके में पहुंचे थे तो यहां के लोगों ने उन्हें शरण दी थी. हालांकि कौरव भी उनका पीछा करते हुए यहां पहुंच गए था. इसके बाद शंगचूल महादेव ने कौरवों को गांव में घुसने से रोका था. कौरवों से महादेव ने कहा था कि जो भी मेरी शरण में आया है, मैं उसकी रक्षा करूंगा.
ये भी पढ़ें- Desi Jugaad: शख्स ने साइकिल को बना डाला 'बुलेट एक्सप्रेस', पत्नी को बिठाकर यूं दौड़ाया सड़क पर
कई सदियां बीत जाने के बाद अभी भी यहां ये परंपरा निभाई जा रही है और गांव के लोग घर से भागकर आए प्रेमी जोड़ों की हिफाजत करना अपना धर्म समझते हैं. जब तक दोनों पक्षों की तरफ से मामले का निपटारा नहीं हो जाता है तब तक ब्राह्मण समुदाय के लोग दोनों प्रेमी जोड़ों की रक्षा करते हैं. प्रेमी जोड़ों के रहने, खाने आदि की पूरी जिम्मेदारी यहां के लोग ही उठाते हैं. कोई भी व्यक्ति इस गांव में हथियार के साथ प्रवेश नहीं कर सकता. इसके अलावा गांव में ऊंची आवाज में बात करना भी निषेध है.