26 पैंथर को रेस्क्यू कर चुके हैं ये सरकारी डॉक्टर, अब पाल रहे हैं 3 पैंथर
अरावली की पहाड़ियो में दम तोड़ने वाली मादा पैंथर के तीनों बच्चे जोधपुर के माचिया सफारी पार्क में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
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अरूण हर्ष, जोधपुर: अरावली की पहाड़ियो में दम तोड़ने वाली मादा पैंथर के तीनों बच्चे जोधपुर के माचिया सफारी पार्क में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. पैंथर के बच्चों का अठखेलियां करना यहां आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रहा है. लेकिन सुरक्षा कारणों से इनके पास इनके केयरट्रैकर डॉक्टर स्वर्ण सिंह राठौड़ व उनके एक सहयोगी को ही जाने की अनुमति है.
यहां पदस्थापित डॉ राठौर पैंथर के तीन बच्चों को अपने सीने से लगा कर एक मां के रूप में पाल रहे हैं. जोधपुर के माचिया सफारी पार्क में लंबे समय से वन विभाग के जानवरों की देखभाल करने वाले डॉक्टर राठौड़ इससे पहले भी शेरनी के 3 बच्चों को पाल चुके हैं. उन्होंने बताया कि शेरनी के बच्चों को बड़ा करने का अनुभव ही इस समय पैंथर के बच्चों को बड़ा करने में काम आ रहा है.
डॉक्टर दे रहे हैं मां का प्यार
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले महीने पाली जिले से रेस्क्यू कर लाए गए इन तीन बच्चों को जोधपुर के माचिया सफारी पार्क में रखा गया है. जिसके बाद इन बच्चों को मां का प्यार देने का प्रयास किया जा रहा है. उनके आने के बाद रात को वह खुद भी इनके साथ सोते थे. फिलहाल डॉक्टर राठौड़ ने दूध जैसा सप्लीमेंट देकर इन पैंथर के बच्चों को बड़ा किया है. जिससे उनकी सेहत काफी बेहतर हुई है. अभी ये उनसे काफी घुल मिल गए हैं.
अब तक 26 पैंथर को कर चुके हैं रेस्क्यू
डॉ राठौर ने अपनी नौकरी के दौरान करीब 26 पैंथर को रेस्क्यू किया है. जिसमें एक पैंथर की मौत हो चुकी है. बाकी सभी को उन्होंने जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया है. उन्होंने बताया कि आजकल जिस तरह से शहर में पैंथर पहुंच जाते हैं. जिस कारण आम लोग उन पर हमला कर देते हैं. इसलिए लोगों को पैंथर पर हमला करने की जगह इसकी सूचना वन विभाग को देनी चाहिए. ताकि वन्य जीवों को सुरक्षित रखा जा सके.
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