अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने कहा कि दुनिया में कहीं भी किसी भी व्यक्ति को उसके धर्म के मुताबिक जीने का हक मिलना चाहिए और हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते रहेंगे.
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वॉशिंगटन: धार्मिक आजादी का उल्लंघन करने वाले देशों पर अमेरिका (America) ने कार्रवाई की है. इसमें पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) सहित 10 देश शामिल हैं. अमेरिका ने इन सभी देशों को कंट्रीज ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न (Countries of Particular Concern- CPC) की सूची में डाल दिया है. यूएस का कहना है कि पाकिस्तान और चीन सहित इन सभी देशों में धार्मिक आजादी नहीं है. ये देश धर्म के आधार पर भेदभाव और जुल्म रोक पाने में नाकाम साबित हुए हैं.
अमेरिका (America) के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने इस संबंध में कहा कि अमेरिका दुनियाभर में धर्म के आधार पर होने वाले जुल्म को खत्म करने के लिए काम करता रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में कहीं भी किसी भी व्यक्ति को उसके धर्म के मुताबिक जीने का हक मिलना चाहिए और हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते रहेंगे. कट्टर विचारधारा के चलते होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाया जाएगा.
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इन देशों ने अच्छा काम किया
पोम्पियो ने कहा, ‘पाकिस्तान, बर्मा, चीन, इरिट्रिया, ईरान, नाइजीरिया, नॉर्थ कोरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान CPC की लिस्ट में हैं. जबकि कोमोरोस, क्यूबा, निकारागुआ और रूस को स्पेशल वॉच लिस्ट में रखा गया है. इन देशों को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कानून 1998 के तहत इस लिस्ट में शामिल किया गया है’. अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि सूडान और उज्बेकिस्तान ने धार्मिक भेदभाव रोकने के लिए अच्छा काम किया है, इसलिए उन्हें स्पेशल वॉच लिस्ट से हटा लिया गया है.
10 संगठनों की लिस्ट बनाई
माइक पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका ने ऐसे 10 संगठनों को लिस्ट भी बनाई है, जिनसे चिंतित होने की जरूरत है. इसमें अल-कायदा, अल-शबाब, बोको- हरम, हयात तहरीर अल-शम, द हाउथिस, ISIS, ISIS -ग्रेटर सहारा, ISIS -वेस्ट अफ्रीका, जमात नस्र अल- इस्लाम वल मुस्लमीन और तालिबान का नाम शामिल है.
आपको बता दें कि अमेरिकी विदेश विभाग हर साल अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कानून 1998 के तहत अपनी CPC लिस्ट तैयार करता है. इसमें उन देशों को शामिल किया जाता है, जहां धार्मिक आधार पर स्वतंत्रता का उल्लंघन होता है. इस श्रेणी में रखे गए देशों पर अमेरिका की ओर से आर्थिक-वाणिज्यिक प्रतिबंध लगाया जाता है.