Trending Photos
Shinzo Abe died: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन से पूरी दुनिया में शोक की लहर है. भारत समेत कई देशों के वरिष्ठ नेताओं ने आबे के निधन पर शोक जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आबे के निधन पर शोक जताते हुए उनके सम्मान में एक दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है. लेकिन आबे की हत्या से चीन में कुछ लोग काफी खुश हैं और जश्न मनाकर इसका इजहार कर रहे हैं. यही नहीं सोशल मीडिया के जरिए आबे को गोली मारने वाले हमलावर को हीरो बताया जा रहा है. शिंजो आबे से चीन की दुश्मनी काफी पुरानी है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री ने चीन की गलत नीतियों की हमेशा आलोचना की थी.
चीन में शिंजो आबे पर हमले का जश्न
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के पश्चिमी इलाके नारा में जैसे ही शिंजो आबे को गोली मारी गई तब से ही चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo पर लोग जश्न मनाने लगे. साथ ही कुछ यूजर्स ऐसे भी थे जो उनके मरने की कामना कर रहे थे. चीन को एक कार्टूनिस्ट ने ऐसे यूजर्स के कुछ पोस्ट शेयर किए हैं जो कि ऑस्ट्रेलिया में रहता है.
इस ट्वीट में दिखाया गया है कि कैसे चीन के नागरिक शिंजो आबे पर हुए हमले से खुश हैं और उनकी मौत की दुआ मांग रहे हैं. इनमें से एक यूजर ने लिखा कि जापान के मौजूदा प्रधानमंत्री को भी गोली मारी जानी चाहिए थी, साथ ही कोरियाई को भी.
Chinese nationalists on Weibo have began to celebrate that Japan’s ex PM Abe is shot during campaign today.
they call the attacker “hero” and send death wish to Abe
photo credit @MachineGun____ #TheGreatTranslationMovement #大翻译运动 pic.twitter.com/K4cxtQd0pi
— 巴丢草 Badiucao (@badiucao) July 8, 2022
वहीं एक अन्य यूजर से हमलावर को हीरो बताते हुए लिखा, 'शुक्रिया एंटी जापान हीरो, क्या मैं खुश हो सकता हूं.' दूसरा यूजर लिखता है कि उम्मीद है बंदूक ठीक होगी और ये शख्स अब मुसीबत में होगा. हालांकि इन सभी पोस्ट के बाद ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि यह चीन के खिलाफ एजेंडा चलाने का हिस्सा है.
चीन ने शुरू किया प्रोपेगेंडा
चीन के विशेषज्ञों के मुताबिक आबे पर हुए हमले से जापान के दक्षिणपंथी नाराज हो जाएंगे और वह एक्टिव होकर जंग छेड़ सकते हैं. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पर हमले से जापान में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है और सामाजिक मतभेद भी उभर सकते हैं. ग्लोबल टाइम्स ने एक्सपर्ट के हवाले से लिखा कि इस हमले से जापान के शांतिपूर्ण संविधान में बदलाव हो सकता है जिससे विदेश नीति प्रभावित होगी और चीन और अमेरिका जैसे रिश्ते पनपने का डर जताया गया है.
सोशल मीडिया पोस्ट से इतर जापान स्थित चाइनीज दूतावास ने आबे के निधन पर शोक जताया है. साथ ही बयान में कहा गया है कि उनके कार्यकाल के दौरान चीन और जापान के रिश्तों को मजबूती मिली थी. आबे के निधन पर चीन की ओर से उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं जाहिर की गई हैं.
आबे से क्यों चिढ़ता है चीन?
पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे चीन की विस्तारवादी नीतियों के प्रमुख आलोचक रहे हैं. यहां तक कि कोरोना की उत्पत्ति के लिए उन्होंने खुले तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया था. इसके अलावा ताइवान में चीन की गतिविधियों को खिलाफ उन्होंने हमेशा आवाज उठाई और हथियारों के रास्ते अपने पड़ोसियों को धमकाने की नीति को गलत बताया था. यही नहीं साल 2007 में क्वॉड की शुरुआत करके उन्होंने चीन के खिलाफ भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ मिलकर एक मजबूत मंच तैयार किया था.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर