चीन की चालबाजी पर नजर रखने की है तैयारी, सरकार ने सीमा पर की है ये प्लानिंग
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चीन की चालबाजी पर नजर रखने की है तैयारी, सरकार ने सीमा पर की है ये प्लानिंग

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की इस महीने जारी वार्षिक रिपोर्ट (2018-19) के अनुसार एजेंसी को भारत-चीन सीमा पर 44 “सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण” सड़कों के निर्माण के लिए कहा गया है ताकि संघर्ष की स्थिति में सेना को तुरंत जुटाने में आसानी हो. 

चीन से सटे बॉर्डर इलाके में भारत अपनी चौकसी बढ़ाने पर जोर दे रहा है.

नई दिल्ली: सरकार चीन से लगती सीमा पर 44 सामरिक मार्गों के निर्माण के साथ पाकिस्तान से सटे पंजाब एवं राजस्थान में करीब 2100 किलोमीटर की मुख्य एवं संपर्क सड़कों का निर्माण करेगी. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की इस महीने जारी वार्षिक रिपोर्ट (2018-19) के अनुसार एजेंसी को भारत-चीन सीमा पर 44 “सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण” सड़कों के निर्माण के लिए कहा गया है ताकि संघर्ष की स्थिति में सेना को तुरंत जुटाने में आसानी हो. 

भारत एवं चीन के बीच करीब 4,000 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के इलाकों से गुजरती है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब चीन भारत के साथ लगने वाली उसकी सीमाओं पर परियोजनाओं को प्राथमिकता दे रहा है. पिछले साल डोकलाम में चीन के सड़क बनाने का कार्य शुरू करने के बाद दोनों देशों के सैनिकों में गतिरोध की स्थिति पैदा हो गयी थी.

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत-चीन सीमा पर सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण इन 44 सड़कों का निर्माण करीब 21,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर मंजूरी लेने की प्रक्रिया चल रही है.

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साथ ही सीपीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान एवं पंजाब में 5,400 करोड़ रुपये की लागत से 2100 किलोमीटर की मुख्य एवं संपर्क सड़कों का निर्माण किया जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार, ‘सीपीडब्ल्यूडी को भारत-चीन सीमा से लगते पांच राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश में 44 सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण का कार्य सौंपा गया है.’

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