मरियम नवाज (Maryam Nawaz) ने कहा है कि आठ दिसंबर को ‘करो या मरो’ की स्थिति होगी. इमरान खान (Imran Khan) सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सभी विपक्षी नेता एक साथ इस्तीफा दे सकते हैं.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. विपक्ष उनके खिलाफ लगातार आक्रामक हो रहा है. इस बीच, आज सभी विपक्षी दलों के सांसद और विधायक सामूहिक इस्तीफे दे सकते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज की लीडर मरियम नवाज (Maryam Nawaz) ने इमरान के खिलाफ इस बड़े कदम के संकेत दिए हैं.
PDM लेगा फैसला
मरियम नवाज (Maryam Nawaz) ने रविवार को कहा था कि इमरान खान (Imran Khan) सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सभी विपक्षी नेता एक साथ इस्तीफा दे सकते हैं और इस बारे में 8 दिसंबर (यानी आज) को 11 पार्टियों वाला गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) फैसला लेगा. माना जा रहा है कि इमरान को बड़ा झटका देने के लिए आज पाकिस्तान में सामूहिक इस्तीफे दिए जाएंगे.
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‘सरकार झूठे मामले दर्ज करवा सकती है’
मरियम नवाज शरीफ ने लाहौर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आठ दिसंबर को ‘करो या मरो’ की स्थिति होगी. यदि हम एक साथ इस्तीफा देने का फैसला करते हैं तो आप सभी हमारे साथ रहें. किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. सरकार आपको डराने या दबाव बनाने के लिए झूठे मामले भी दर्ज करवा सकती है. इन सभी का सामना करने के लिए हमें तैयार रहना होगा.
एक और Rally की तैयारी
इमरान सरकार के खिलाफ 11 PDM 13 दिसंबर को लाहौर में बड़ी रैली निकालने की तैयारी में है. जबकि विपक्षी एकता से डरी इमरान सरकार इस रैली को रोकने की हर संभव कोशिश कर रही है. सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर रैली निकाली गई तो इसे कोरोना की रोकथाम के लिए लागू किये गए नियमों का उल्लंघन समझा जाएगा और दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी.
लोगों का डरा रही सरकार
इमरान सरकार विपक्षी एकता को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. लोगों को डराया जा रहा है कि यदि वो रैली में शामिल होते हैं, तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा. हाल ही में मुल्तान में हुई रैली के बाद 3000 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रशासन ने मुकदमा दर्ज किया है. इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने पंजाब प्रांत में COVID-19 तथा सार्वजनिक सुरक्षा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर प्रदर्शन किया. बता दें कि अक्टूबर से पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों का गठबंधन देश के अलग-अलग हिस्सों में रैली कर रहा है.