Nuclear War Alert: हाल ही में रटगर्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी की गई. नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि अगर रूस व अमेरिका और भारत व पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की शुरुआत होती है तो इसका क्या असर होगा.
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Latest Study on Nuclear War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 7 महीने से चल रहा है, जबकि चीन और ताइवान के बीच युद्ध की आशंका बनी हुई है. इन दोनों ही संकट ने पूरी दुनिया को 2 धड़ों में बांट दिया है. ऐसे में कई बार हालात विश्व युद्ध जैसे और परमाणु हमले वाले बनते दिखते हैं. यूक्रेन से युद्ध शुरू होने पर रूस ने अमेरिका के दखल पर उसे परमाणु हमले की धमकी तक दे दी थी. वहीं दूसरी ओर चीन भी परमाणु संपन्न है और ताइवान की वजह से उसकी टकराहट अमेरिका से भी हो रही है. ऐसे में यहां भी अगर दो महाशक्तियां टकराती हैं तो परमाणु हमले का खतरा बना रहेगा. एशिया में ही भारत और पाकिस्तान हैं जिनके बीच एटम युद्ध का खतरा बना रहता है. इन खतरों के बीच रटगर्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में हुई एक स्टडी में बड़ा खुलासा हुआ है. इस स्टडी में बताया गया है कि अगर रूस व अमेरिका और भारत व पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है तो स्थिति कैसी होगी.
रूस-अमेरिका भिड़े तो दुनिया की तीन-चौथाई आबादी की हो सकती है मौत
नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, अगर युद्ध में परमाणु बम के वैश्विक भंडार का 3% से कम भी इस्तेमाल होता है तो दो साल में दुनिया की एक तिहाई आबादी की मौत हो सकती है. रिसर्चर्स ने बताया है कि, अगर रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक परमाणु लड़ाई होती है तो एक ही समय सीमा में दुनिया की तीन-चौथाई आबादी की मौत हो सकती है. इसके अलावा 5 अरब से अधिक लोग भूखे मर जाएंगे.
भारत और पाकिस्तान वाली तस्वीर और डराने वाली है
इस स्टडी की मानें तो भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध एक सप्ताह से भी कम समय तक चल सकता है और इसमें हमले के बाद सीधे 5 से 12.5 करोड़ लोग मारे जा सकते हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है. इस वजह से पूरी दुनिया में खाद्य आपूर्ति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है और पूरी धरती पर भुखमरी से बड़े पैमाने पर मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है. रिसर्च में कहा गया है कि परमाणु हमले के तुरंत बाद और कुछ समय बाद कुल मिलाकर करीब 2 अरब लोगों की मौत हो सकती है. दरअसल रिसर्चर्स ने विभिन्न आकारों के परमाणु संघर्षों से उत्पन्न होने वाली जान की हानि के अलावा इससे अमेरिका, रूस, पाकिस्तान और भारत के खाद्य उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव की भी गणना की.
इंडिया और पाक परमाणु युद्ध का दुनिया पर भी हो सकता है असर
यही नहीं परमाणु युद्ध के तीन से चार साल बाद वैश्विक भोजन, पशु और मत्स्य उत्पादन में 90 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. इससे भुखमरी बढ़ेगी. बता दें कि शीत युद्ध की समाप्ति के 30 साल बाद परमाणु युद्ध की आशंका पहले से कहीं अधिक हो गई है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी चेतावनी दी है कि 'परमाणु संघर्ष की संभावना, कभी अकल्पनीय थी, लेकिन अब संभावना के दायरे में वापस आ गई है.' शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि दुनिया के परमाणु हथियारों के एक छोटे से हिस्से के भी विस्फोट से बड़े आग्नेयास्त्र पैदा होंगे जो तेजी से सूरज को अवरुद्ध करने वाली कालिख को आकाश में इंजेक्ट करेंगे, जिससे जलवायु में अचानक ठंडक आएगी.
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