Pakistan News: पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार लगातार जारी हैं. कभी हिंदुू लड़कियों से जबरन शादी तो कभी फिरौती के लिए हिंदू लड़कों के अपहरण के मामले आम हो गए हैं.
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Pakistan News: पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जुल्म की एक और कहानी सामने आई है. बाइक सवार 2 बदमाशों ने सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय के एक लड़के को उसके घर के बाहर से अपहरण कर लिया. पुलिस और परिवार के सदस्यों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
रानीपुर के थाना प्रभारी अमीर अली चांग ने टेलीफोन पर कहा कि वह अपहरण के सिलसिले में पहले ही दो लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं. विश्वास है कि लड़का जल्द ही मिल जाएगा. चांग ने कहा, ‘हम जल्द ही इस अपहरण के पीछे असली अपराधियों को गिरफ्तार करेंगे. लड़के का परिवार अमीर पृष्ठभूमि से नहीं है, इसलिए हमें लगता है कि यह एक अचानक किया गया अपहरण है.’
सोमवार सुबह हुई अपहरण की घटना
चांग ने बताया कि यह घटना सोमवार सुबह की है. उस दौरान बालक आदेश कुमार अपने घर के सामने पड़ोस के दो दोस्तों के साथ खेल रहा था. तभी मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने गली में आकर उसका अपहरण कर लिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस ने उचित धाराओं मे केस दर्ज किया है तो उन्होंने हां में जवाब दिया. चांग ने कहा कि शिकायत दर्ज कर ली गई है. आमतौर पर ऐसे मामलों में प्राथमिकी एक या दो दिन बाद दर्ज की जाती है. इससे पहले हिंदू समुदाय के लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन कर बच्चे को तुरंत ढूंढ़ने की मांग की.
परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब
बालक आदेश कुमार के पिता हीरोमल एक किराने की दुकान के मालिक हैं. उन्होंने कहा कि उनका परिवार विभाजन से पहले से शहर में रह रहा है और वह निम्न मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. हीरोमल ने कहा कि बदमाशों ने अभी तक फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं किया है और उनकी आर्थिक हैसियत ऐसी है भी नहीं कि वे अपने बेटे को छुड़ाने के लिए फिरौती दे सकें.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं का जीना मुश्किल
बताते चलें कि पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हिंदू, सिख और ईसाइयों का जीना मुहाल है. पूरा देश ही इस्लामिक कट्टरपन की दलदल में धंस चुका है. जब वहां मारकाट के लिए अल्पसंख्यकों की कमी हो गई तो कट्टरपंथियों ने इस्लाम को मानने वाले शिया, अहमदिया और कादयायिनी को भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया. आज वहां पर हालात ये है कि कोई भी हिंदू न तो खुले तौर पर पूजा अर्चना कर सकता है और न ही जुलूस निकाल सकते हैं. उन पर कब हमला हो जाए, कोई नहीं बता सकता.