आतंक के पनाहगार पाकिस्तान को अमेरिका ने दी चेतावनी तो लगी मिर्ची, कहा- एकतरफा न करें बात...
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आतंक के पनाहगार पाकिस्तान को अमेरिका ने दी चेतावनी तो लगी मिर्ची, कहा- एकतरफा न करें बात...

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त बयान में लश्कर ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा, आईएसआईएस/दाएश और हिज्बुल मुजाहिद्दीन सहित, यूनाइटेड नेशन द्वारा बैन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की थी.

आतंक के पनाहगार पाकिस्तान को अमेरिका ने दी चेतावनी तो लगी मिर्ची, कहा- एकतरफा न करें बात...

पाकिस्तान ने अमेरिका और भारत के उस साझा बयान पर विरोध दर्ज करवाया है जिसमें पाकिस्तान की जमीन से आतंकवाद को खत्म करने की बात कही गई थी. पाकिस्तान ने कहा कि साझा बयान में दोनों देशों ने एकतरफा बात कही है. पाकिस्तान की ओर से कहा गया, ‘‘संयुक्त बयान में पाकिस्तान को लेकर अनुचित, एकपक्षीय और भ्रामक संदर्भ पर उसकी चिंताओं और निराशा से अमेरिकी पक्ष को अवगत कराया गया.’’

दरअसल, अमेरिका पाकिस्तान पर अपनी जमीन से आतंकवाद को खत्म करने के लिए दवाब बनाता रहा है. फिर चाहे बात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की हो या जमात-उद-दावा जैसे आतंकवादी समूहों की, अमेरिका की तरफ से इन्हें स्थायी रूप से नेस्तनाबूद करने का दवाब पाकिस्तान पर रहा है.

हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग के एक शीर्ष अधिकारी मैथ्यू मिलर ने कहा था कि अमेरिका इस मुद्दे को पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष आगे भी उठाएगा और आतंकवाद के साझा खतरों से लड़ने के लिए इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा. उन्होंने कहा, “हम लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे सभी आतंकवादी समूहों तथा उनके विभिन्न मुखौटा संगठनों को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए पाकिस्तान द्वारा उचित कदम उठाने के महत्व के बारे में लगातार बात कर रहे हैं.”

मिलर ने कहा, “हम पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष नियमित रूप से यह मुद्दा उठाएंगे और आतंकवाद के साझा खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे, जैसा कि हमने मार्च 2023 के सीटी संवाद के दौरान चर्चा की थी.” मिलर ने ये बातें पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका द्वारा जारी संयुक्त बयान से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहीं.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त बयान में लश्कर ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा, आईएसआईएस/दाएश और हिज्बुल मुजाहिद्दीन सहित, यूनाइटेड नेशन द्वारा बैन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की थी. इस दौरान उन्होंने सीमा पार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की थी. साथ ही पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया था कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए न किया जाए.

हालांकि, मिलर ने इस दौरान भारत में अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा दिए गए बयान और उसे लेकर भारत की प्रतिक्रिया पर किसी प्रकार का कमेंट करने से इनकार कर दिया.

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