रिपोर्ट में कहा है कि कुछ साक्ष्य यह बताते हैं कि चीन (China) ने सोच-समझकर हमले की साजिश रची थी. इसमें सैनिकों की हत्या की संभावना भी शामिल है. इसका मकसद बीजिंग का अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ दादागिरी दिखाने वाले अभियान को तेज करना था.
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वॉशिंगटन: लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हुई हिंसक झड़प (India-China Standoff) अचानक ही नहीं हुई थी, बल्कि चीन ने इसके लिए पहले से तैयारी कर रखी थी. अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) की एक शीर्ष समिति ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने इस साल जून में गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसा की साजिश रची थी. इसका मकसद बीजिंग का अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ दादागिरी दिखाने वाले अभियान को तेज करना था. चीन के सैनिकों द्वारा रात के अंधेरे में किये गए इस हमले में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे.
अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग (USCC) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कुछ साक्ष्य यह बताते हैं कि चीन (China) ने सोच-समझकर हमले की साजिश रची थी. इसमें सैनिकों की हत्या की संभावना भी शामिल है. बता दें कि USCC की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी, जो अमेरिका-चीन के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार के मुद्दों की जांच करता है. साथ ही यह अमेरिकी कांग्रेस को चीन के खिलाफ विधायी और प्रशासनिक कार्रवाई की सिफारिश भी करता है.
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यह है संभावित कारण
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सरकार के वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस उकसावे वाली कार्रवाई के पीछे का ठीक-ठीक कारण अभी पता नहीं चल सका है. लेकिन इसका संभावित कारण भारत द्वारा सीमाई इलाकों में रणनीतिक पहुंच को मजबूत करना है. इसमें सड़कों के निर्माण से लेकर की जा रहीं अन्य गतिविधियां शामिल हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि गलवान घाटी (Galwan Valley) हिंसा से कुछ सप्ताह पहले ही चीन के रक्षा मंत्री वेई ने अपने जवानों को स्थिरता लाने के लिए युद्ध करने को उत्साहित किया था. इतना ही नहीं, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने भी भारत को चेतावनी दी थी. चीनी अखबार ने कहा था कि यदि भारत अमेरिका-चीन प्रतिद्वंदिता में शामिल होता है, तो उसे व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर नुकसान उठाना पड़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, गलवान हिंसा से कुछ सप्ताह पहले ही सैटलाइट से मिली तस्वीरों में दिखाई दिया था कि चीन ने एक हजार जवानों को तैनात किया था.
China-Pakistan गठजोड़ का भी जिक्र
अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि चीन भारत और जापान जैसे अपने पड़ोसियों के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई करता रहता है. इसके अलावा, उसने पाकिस्तान के नेवल बेस फैसिलिटी तक भी सुरक्षित पहुंच बना ली है. गौरतलब है कि सोमवार को चीनी रक्षा मंत्री इस्लामाबाद की यात्रा पर थे, इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच घनिष्ठ संबंध जगजाहिर हैं. कोरोना संकट के बीच भी चीन और पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आ रहे हैं. चीन भारत के साथ ही जापान, ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों के साथ भी आक्रामक रवैया अपनाये हुए है. हालांकि, मोदी सरकार ने चीन के होश ठिकाने लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं.
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