Pakistan Caretaker PM: राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए शनिवार तक नाम तय करने को कहा है.
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Pakistan News: पाकिस्तान में नेशनल असेंबली भंग हो चुकी हैं और आने वाले कुछ महीनों में आम चुनाव करवाए जा सकते हैं लेकिन इस बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री को चुनने के मसले पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पीएम शहबाज शरीफ के बीच मतभेदों की खबरें सामने आ रही हैं.
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए शनिवार तक नाम तय करने को कहा है. वहीं दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के इस पत्र को लेकर पीएम शरीफ नाराज हो गए हैं. उन्होंने सवाल किया कि राष्ट्रपति इतनी जल्दी में क्यों हैं?
‘मेरे पास पूरे आठ दिन हैं’
एआरवाई न्यूज के मुताबिक शहबाज शरीफ ने कहा, 'राष्ट्रपति को पत्र लिखने से पहले संविधान पढ़ना चाहिए था क्योंकि मेरे पास पूरे 8 दिन हैं. उन्होंने कहा, 'जब तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त नहीं किया जाता है, मैं प्रधानमंत्री हूं.'
पीएम शरीफ ने कहा, 'अगर तीन दिनों में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तो संसदीय समिति तीन दिनों में निर्णय लेगी और यदि संसदीय समिति निर्णय नहीं ले पाती है, तो पाकिस्तान चुनाव आयोग इस मामले को देखेगा.'
क्या लिखा है राष्ट्रपति ने अपने पत्र में?
शरीफ और रियाज को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया था.
राष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 224 ए के तहत शरीफ और रियाज को नेशनल असेंबली भंग किए जाने के तीन दिन के भीतर अंतरिम प्रधानमंत्री के पद पर किसी नेता का नाम प्रस्तावित करना है.
पत्र में कहा गया है, ‘संविधान के अनुच्छेद 224(1ए) के प्रावधान के तहत राष्ट्रपति निवर्तमान प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय असेंबली में निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष के परामर्श से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं.’
अल्वी ने शहबाज शरीफ और रियाज को कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम 12 अगस्त से पहले प्रस्तावित करने का निर्देश दिया.
संविधान के अनुसार, प्रधानमंत्री और विपक्ष के निवर्तमान नेता के पास अंतरिम प्रधानमंत्री पद पर किसी नेता का नाम तय करने के लिए तीन दिन का समय है.
यदि दोनों किसी नाम पर सहमत नहीं होते हैं, तो मामला संसदीय समिति को भेजा जाएगा और यदि समिति भी कोई निर्णय लेने में विफल रहती है तो पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के पास उसे साझा की गई सूची में से कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम चुनने के लिए दो दिन का समय होगा.
(इनपुट - एजेंसी)