Houthi leader abdul malik al houthi: यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में अपने हमलों को रोकने से इनकार किया है. हूती नेता अब्दुल मलिक अल हूती ने चेतावनी देते हुए कहा, 'गाजा पर इजरायली फौजों के हमले जारी हैं. ऐसे में इजरायल या उसके सहयोगियों से जुड़े जहाज और टैंकरों पर हमारे हवाई और समुद्री हमले दोनों जारी रहेंगे. हूती ने अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों में अपने 34 लड़ाके मारे जाने की पुष्टि की है. अब्दुल मलिक ने कहा कि इजरायल के जहाजों को सेफ एक्जिट नहीं देंगे.
यमन के हूती के टॉप लीडर, अब्दुल-मलिक अल-हूती ने कहा कि इजरायल से जुड़े ऑपरेशन जारी रहेंगे. इजरायली जहाज जहां भी दिखेंगे निशाना बनाए जाएंगे. ईरान से फंडिंग लेने वाला हूती नवंबर 2023 से लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों पर हमला कर रहा है. हूती अपने हमलों को गाजा में हमास और इजरायल के बीच जारी जंग में फिलिस्तीनियों के साथ अपनी एकजुटता का अभियान बताता है. हूती संगठन के मुखिया अब्दुल मलिक अल-हूती की उम्र करीब 40 साल है और उसके एक इशारे पर हूती में शामिल हजारों लड़ाके अपनी जान दे सकते हैं. इस बीच रूस की मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया है हूती के पास हाइपरसोनिक मिसाइल है. जिससे वो अमेरिका या यूरोप के किसी भी युद्धपोत को निशाना बना सकता है.
इस संगठन के पास सशस्त्र ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का एक बड़ा जखीरा है. अपने इस हथियारों का प्रयोग उसने सऊदी बुनियादी ढांचे पर बार-बार हमला करने के लिए किया. लाल सागर में महीनों से हो रहे हौथी हमलों ने वैश्विक शिपिंग को बाधित कर दिया है, जिससे कंपनियों को दक्षिणी अफ्रीका के आसपास लंबी और अधिक महंगी यात्राओं पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, और यह डर पैदा हो गया है कि इज़राइल-हमास युद्ध व्यापक मिडिल ईस्ट को अस्थिर करने के लिए फैल सकता है.
हूती कमांडर ने कहा कि बीते पांच महीनों से समंदर की जंग में उसके समूह द्वारा इजरायल पर हमले शुरू करने के बाद से उसके अबतक 34 लड़ाके मारे गए हैं. इससे पहले जनवरी 2022 में, हूती विद्रोहियों ने अमेरिका के प्रमुख सहयोगी सऊदी अरब की तरह संयुक्त अरब अमीरात पर मिसाइल हमला कर दिया था. अल हूती एक रहस्यमयी शख्स है जो एक जगह पर बहुत कम रुकता है.
अब्दुल मलिक अल हूती कभी मीडिया के सामने नहीं आता. सार्वजनिक सभाओं में भी उसका वीडियो चलता है. यानी सार्वजनिक जगहों पर उसकी मौजूदगी नाममात्र के लिए होती है. यमन युद्ध की शुरुआत के बाद से ही वो अंडरग्राउंड है. अल हूती कभी भी अपने अधिकारियों से डायरेक्ट मुलाकात नहीं करता है.
हूती ने लाल सागर में महीनों से जारी अपने हमलों से ग्लोबल शिपिंग रूट को बाधित कर दिया है. जिससे दुनियाभर के आयात-निर्यात पर असर पड़ा है. सभी कंपनियों को हूती के हमले से बचने के लिए दक्षिणी अफ्रीका के आसपास से लंबी और अधिक महंगी यात्राओं पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. अब ये डर फैल गया है कि इजरायल-हमास युद्ध अब बड़े पैमाने पर मध्य पूर्व को अस्थिर करने के लेवल तक जा सकता है. यमन की राजधानी सना को हूतियों का गढ़ कहा जाता है. सना में ही अब्दुल मलिक हूती ने बैठकें की और इस दौरान हूतियों के भारी-भरकम सुरक्षा काफिले के साथ पहुंचा था. यहीं से एक गुप्त स्थान से वह अपने समर्थकों को स्क्रीन के जरिए संबोधित करता रहा है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़