China Drone Swarm Tech: चीनी रिसर्चर्स ने एक अनूठा कॉम्बेट ड्रोन बनाया है. यह दिखने में तो आम ड्रोन जैसा है लेकिन जरूरत पड़ने पर असली रंग दिखाता है. एक ड्रोन के भीतर से दो, तीन यहां तक कि छह-छह ड्रोन बाहर निकलते हैं. हर ड्रोन अलग दिशा में मौजूद टारगेट पर नजर रखने से लेकर हमला तक कर सकता है. युद्ध के मैदान में ऐसी ड्रोन तकनीक से खासी तबाही मच सकती है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हर ड्रोन में एक प्रोपेलर लगा है. चीन की नानजिंग यूनिवर्सिटी में इन स्पेशल ड्रोन्स पर टेस्टिंग चल रही है. अगर यह तकनीक कारगर साबित हुई तो युद्ध में दुश्मन के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. समझिए, कैसे नई ड्रोन तकनीक के सहारे चीन अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में लगा है.
परंपरागत ड्रोन्स को कंबाइन करने में बड़ी मुश्किल आती थी. अलग-अलग ड्रोन्स आपस में कोऑर्डिनेट नहीं कर पाते थे लेकिन शायद चीन ने यह मुश्किल दूर कर ली है. परंपरागत ड्रोन के मुकाबले चीन के इन नए ड्रोन्स की फ्लाइट एफिशिएंसी लगभग दोगुनी है. (Photo : Lexica AI)
जब ये छोटे-छोटे ड्रोन्स जुड़ते हैं तो उनकी फ्लाइट रेंज और स्पीड और बढ़ जाती है. अलग होने के बाद भी, ये सामान्य ड्रोन के मुकाबले 40% बेहतर परफॉर्म करते हैं. (Photo : Playground AI)
अभी रडार पर दुश्मन के ड्रोन नजर आते ही, खतरे का स्तर भांपकर डिफेंस स्ट्रेटजी तैनात होती है. लेकिन जरा सोचिए, रडार पर एक ही ड्रोन दिखे और अचानक सामने छह-छह ड्रोन नजर आएं तो क्या होगा. दुश्मन को न सिर्फ मेंटल शॉक लगेगा, बल्कि शायद वह इन ड्रोन्स का सही से मुकाबला भी न कर पाए. (Photo : Lexica AI)
ड्रोन तकनीक डेवलप करने के मामले में चीन ने गजब तरक्की की है. न सिर्फ बेहतर ड्रोन बनाए हैं, बल्कि उनकी लागत भी काफी कम है. (Photo : Playground AI)
इन तमाम कामयाबियों के बाद भी, चीन की ड्रोन तकनीक बड़े युद्धों में कितनी असरदार साबित होगी, इस पर मिलिट्री एनालिस्ट्स में बहस जारी है. चीन ने अपनी ड्रोन तकनीक की दक्षता साबित नहीं की है. (Photo : Lexica AI)
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