Indian Navy vs Merchant Navy: इंडियन नेवी और मर्चेंट नेवी, दोनों का काम समुद्र में होता है. तो दोनों में अंतर क्या होता है? आप अगर करियर के तौर पर इन दोनों में से किसी एक को चुनना चाहते हैं तो पहले इन दोनों के अंतर को समझ लें आर साथ में ये भी जानिये कि दोनों में ज्यादा सैलरी कौन देता है.
भारतीय नौसेना में मुख्य रूप से सरकारी स्वामित्व वाले जहाज शामिल हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत के क्षेत्रीय जल की सुरक्षा के लिए समर्पित हैं. इसके विपरीत, मर्चेंट नेवी में सरकार और निजी दोनों संस्थाओं के स्वामित्व वाले जहाज शामिल हैं, जो वैश्विक स्तर पर माल और यात्रियों के परिवहन जैसी कमर्शयल एक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
भारतीय नौसेना भारत के जलक्षेत्र में काम करती है और कभी-कभी विशिष्ट अभियानों के लिए उसके मिशन उससे आगे भी बढ़ जाते हैं. हालांकि, मर्चेंट नेवी नियमित रूप से राष्ट्रीय सीमाओं से परे काम करती है और दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में लगी रहती है.
मर्चेंट नेवी के कैडेट 18 महीने की ट्रेनिंग से गुजरते हैं, जबकि भारतीय नौसेना के अधिकारी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में ट्रेनिंग लेते हैं. जहां उन्हें बी.टेक की डिग्री प्राप्त होती है. वहीं भारतीय नौसेना तकनीकी शिक्षा और नेतृत्व प्रशिक्षण पर जोर देती है.
मर्चेंट नेवी में नौकरी के लिए वो उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, जिहोंने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स से 10+2 पास किया है. इसमें आयु सीमा 17 से 25 वर्ष होती है. वहीं भारतीय नौसेना में भी 10+2 शिक्षा के साथ ग्रेजुएशन डिग्री भी चाहिए. मुख्य रूप से विज्ञान विषयों में अच्छे नंबर होने चाहिए.
मर्चेंट नेवी में, आमतौर पर आठ से नौ घंटे की शिफ्ट होती है. इसमें प्रमोशन दो चीजों के आधार पर होता है- पहला ये देखा जाता है कि आपका समुद्री समय क्या है. यानी आपने समुद्र में आपने कितना समय गुजारा है. और दूसरा है एग्जाम पास करना. प्रमोशन के लिए इसमें एग्जाम होता है. हालांकि, भारतीय नौसेना में अधिक विविधतापूर्ण शेड्यूल है, जो आठ से बारह घंटे तक का होता है. इसमें टाइम स्केल, चयन और प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिये प्रमोशन होता है.
मर्चेंट नेवी कर्मियों को ILO और ITF जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा निर्धारित लाभ मिलते हैं. भारतीय नौसेना में, लाभों में परिवार के लिए आवास, रियायती खरीदारी, यात्रा भत्ते और मुफ्त चिकित्सा उपचार शामिल हैं. इसके अलावा, भारतीय नौसेना कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलती है, जो एक महत्वपूर्ण लाभ है.
मर्चेंट नेवी में 3 लाख से 20.8 लाख प्रति वर्ष तक की सैलरी मिलती है, जो अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों द्वारा शासित है. इसकी तुलना में, भारतीय नौसेना का वेतन भारत सरकार तय करती है. इसमें रैंक और सेवा के आधार पर अतिरिक्त लाभ दिए जाते हैं.
भारतीय नौसेना सशस्त्र बलों की एक शाखा के रूप में कार्य करती है, जिसका काम देश के समुद्री हितों की रक्षा करना है. दूसरी ओर, मर्चेंट नेवी, कमशिर्यल समुद्री गतिविधियों के लिए समर्पित है, जो अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा शासित है. यह वैश्विक शिपिंग और परिवहन पर ध्यान केंद्रित करता है.
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