Ghevar Sweet Dish In Rakhi: रक्षाबंधन का त्योहार बस कुछ ही दिनों में आने वाला है. ऐसे में बहनें तैयारियों में जुट जाती हैं. साथ ही घरों में मिठाइयां भी बनने लगती हैं. लेकिन एक मिठाई ऐसी है जिसके बिना भाई-बहनों का ये त्योहार राखी अधूरा माना जाता है. रक्षाबंधन पर इस मिठाई का विशेष महत्व है. साथ ही इसे मानसून में बड़े ही चाव से खाते हैं. आज हम जानेंगे इसका महत्व और इतिहास....
मिठाइयों में घेवर खासतौर से सावन के मौसम में खाया जाता है. ये स्वीट डिश दुनियाभर में फेमस है. घेवर का तीज और राखी के त्योहार में खास महत्व होता है. रक्षाबंधन का त्योहार घेवर के बिना अधूरा माना जाता है. ये राजस्थान का मशहूर व्यंजन है. ब्रज क्षेत्रों की ये एक प्रमुख पारंपरिक मिठाई है.
घेवर को राजस्थान के कुछ हलवाई इसे ईरान की मिठाई से प्रेरित स्वीट डिश बताते हैं. ऐसा माना जाता है कि भारत में पर्शिया से ये मिठाई आई थी. इसीलिए इसे अंग्रेजी में हनीकॉम्ब डेटर्ट के नाम से भी जाना जाता है.
घेवर शुद्ध देसी घी से बनाया जाता है. इस मिठाई को मानसून में इसलिए खाया जाता है क्योंकि इसके सेवन से पाचन को कोई दिक्कत नहीं होती है. साथ ही इस मौसम में शरीर में एसिडिटी हो बनने लगती है. तो घी से बनी इस मिठाई को खाने से बॉडी का फैट संतुलित रहता है.
घेवर कई सारे फ्लेवर्स में बनाया जाता है, जैसे मावा घेवर, मलाई घेवर और पनीर घेवर आदि. इसे बनाने के लिए आप मैदे और अरारोट का घोल तैयार कर लें. फिर एक सांचों में डालकर इसे बनाएं. चाशनी में भिगोकर फिर रबड़ी और सूखे मेवों से गार्निश भी किया जाता है.
इस रक्षाबंधन पर आप भी घर में घेवर बनाएं. बाजार की मिठाइयां चाहे जितनी घर में आ जाएं, लेकिन घेवर का स्वाद राखी के पर्व पर अलग ही आनंद देगा. बहनें अपने भाइयों के लिए घेवर बनाकर उनका मुंह मीठा करवाएं.
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