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ट्रेन में हमेशा क्यों दी जाती है सफेद चादर? इसके पीछे हैं कोई खास वजह या सिर्फ एक संयोग

Indian Railways Interesting Facts: भारतीय रेलवे का नेटवर्क काफी बड़ा है और देश के कोने-कोने में फैले रेलवे नेटवर्क के जरिए रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. आपने भी कभी ना कभी ट्रेन में सफर किया होगा और देखा होगा कि एसी कोच में पैसेंजर्स को बेडशीट, तकिया और कंबल भी दिया जाता है. लेकिन, क्या आपने कभी गौर किया है कि ट्रेन में हमेशा सफेद तकिए और चादरें ही क्यों दी जाती हैं? इसके बजाए रंग-बिरंगे, लाल-पीले और नीले चादर का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता? क्या इसके पीछे कोई खास वजह है या ये सिर्फ एक संयोग है? चलिए, इस दिलचस्प सवाल का जवाब आपको बताते हैं.

 

आसानी से दिखती है गंदगी

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आसानी से दिखती है गंदगी

सफेद रंग को शुद्धता और साफ-सफाई का प्रतीक माना जाता है. यह रंग किसी भी अन्य रंग की तुलना में गंदगी को आसानी से दिखाता है. ट्रेन में हजारों यात्री आते-जाते हैं, ऐसे में सफेद रंग से यह सुनिश्चित होता है कि बेडशीट और तकिए साफ हैं या नहीं. अगर बेडशीट पर कोई दाग या धब्बा होता है, तो वह सफेद रंग पर बहुत स्पष्ट दिखाई देगा. इससे यह सुनिश्चित होता है कि गंदे बेडशीट को तुरंत बदला जा सके.

स्वच्छता दिखती है

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स्वच्छता दिखती है

सफेद रंग के कपड़ों को धोना और साफ करना आसान होता है. इससे ट्रेन में सफाई और स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलती है. सफेद रंग एक पेशेवर छवि को दर्शाता है. यह यात्रियों को यह संकेत देता है कि रेलवे स्वच्छता का ख्याल रखती है.

सफेद रंग से मन रहता है शांत

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सफेद रंग से मन रहता है शांत

सफेद रंग मन को शांत और आरामदायक रखने में मदद करता है. लंबी यात्रा के दौरान यात्री आरामदायक महसूस करें, इसलिए सफेद रंग का चुनाव किया जाता है.

सफेद चादर-तकिया धोना आसान

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सफेद चादर-तकिया धोना आसान

अन्य रंगों की तुलना में सफेद रंग के कपड़ों का रखरखाव आसान होता है. बार-बार धोने के बाद भी इनका रंग फीका नहीं पड़ता. रेलवे इन चादरों और तकिए के कवर को धोने के लिए स्पेशल मेकेनाइज्ड मशीनों का इस्तेमाल करती. इन मशीनों में बॉयलर्स लगे होते हैं और इनके अंदर हाई टेम्परेचर पर एक साथ कई चादरों को धोया जाता है. अधिक लोड और तापमान के बाद भी सफेद चादर का रंग नहीं निकलता. अगर रंग-बिरंगी चादरों का इस्तेमाल किया जाएगा तो इनका कलर निकलकर दूसरी चादर में लग जाएगा और इनका रंग भी फीखा पड़ जाएगा.

ब्लीच का इस्तेमाल

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ब्लीच का इस्तेमाल

इसके साथ ही चादरों पर ज्यादा गंदगी लगने की स्थिति में इन्हें साफ करने के लिए ब्लीज का भी इस्तेमाल किया जाता है. अगर सफेद की जगह रंग-बिरंगी चादरों का इस्तेमाल किया जाएगा तो ब्लीच की वजह से उनका रंग उड़ सकता है. जबकि, सफेद चादर ब्लीच की वजह से ज्यादा अच्छे से साफ हो जाती है और हर यात्री को चमकती हुई चादर मिलती है.

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