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Angry Ancestors Signs: नए साल की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में साल के पहले व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है. बता दें कि साल की पहली अमावस्या तिथि 11 जनवरी गुरुवार के दिन पड़ रही है. उस दिन पौष अमावस्या है. इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है. लेकिन नए साल में अगर आपको कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जो आपकी उन्नति में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं, तो इस समय आपको संभलकर रहना होगा. दरअसल, ये पितरों के नाराज होने के संकेत हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाराज पितर अवरोध पैदा कर रहे हैं. जानें पितरों के नाराज होने पर कैसे संकेत मिलते हैं और किन उपायों को किया जा सकता है.
पितरों के नाराज होने का संकेत
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब पितर नाराज होते हैं, तो इससे विवाह में बाधा उत्पन्न होती है. व्यक्ति की शादी की बात तो चलती है लेकिन कहीं बात नहीं बन पाती. रिश्ता पक्का नहीं होता.
- अगर आपके किसी कार्य में बार-बार किसी बाधा का सामना करना पड़ रहा है, तो ये पितरों की नाराजगी की ओर इशारा करता है. काफी प्रयास के बाद भी आपके कार्य पूर्ण नहीं हो रहे, सफलता नहीं मिल रही या फिर लोगों का सहयोग नहीं मिल रहा, तो पितर नाराज हैं.
- अगर आपके परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव रहने लगे, छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगे, घर में कलह बढ़ जाए तो समझ लें पितर नाराज हैं और कुछ उपायों से उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है.
- अगर आपको संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है, वंश वृद्धि में किसी तरह की रुकावट आ रही है, तो समझ जाएं कि आपके पितर नाराज हैं. ऐसा कहा जाता है कि अगर पितर नाराज होते हैं, तो वे वंश वृद्धि में बाधा पैदा करते हैं.
- पितरों के नाराज होने पर व्यक्ति को अचानक धन हानि का सामना करना पड़ता है. निवेश किया हुआ पैसा डूब जाता है और व्यक्ति को दरिद्रता का सामना करना पड़ता है.
- पितृ दोष के कारण परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब रहता है. सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. परिवार का एक सदस्य ठीक होता है तो दूसरा बीमार हो जाता है. या कोई एक ही व्यक्ति लंबे समय तक बीमार हो सकता है.
पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि पितर इन संकतों के जरिए वंशजों को बताना चाहते हैं कि वे उन्हें तृप्त करने के लिए कुछ उपाय करें. पितरों का खुश करने के लिए पितृ पक्ष या फिर अमावस्या के दिन कई तरह के उपायों के बारे में बताया गया है. जानें ये उपाय के बारे में.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध कराया जाता है. कहते हैं कि इसके लिए किसी योग्य पंडित की मदद से त्रिपिंडि श्राद्ध कराएं. इससे व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं.
- अमावस्या तिथि के दिन स्नान के बाद पितरों को कुश और जल से तर्पण देना चाहिए. इससे पितर प्रसन्न होते है. ऐसी मान्यता है कि बिना कुश के तर्पण करने से पितर तृप्त नहीं होते.
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपायों के बारे में बताया गया है. इनमें से एक उपाय पंचबलि कर्म और दान करना है. पंचबलि कर्म मं पितरों को भोजन कराया जाता है. इस दौरान घर का बना हुआ भोजन कुत्तों, कौआ, गाय आदि को दिया जाता है. इस दिन अन्न और सफेद वस्त्र का दान किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)