Tulsi Vivah ke Totke: देवउठनी एकादशी के अगले दिन तुलसी विवाह का विधान है. इस बार यह पर्व 13 नवंबर को होगा. कहते हैं कि इस दिन 3 खास उपाय करने से आर्थिक तंगी और परिवारिक कलह दूर भागती नजर आती हैं.
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Tulsi Vivah ke Upay: भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जब जागते हैं तो उसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इसे देव दीपावली या देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है. इस बार यह एकादशी 12 नवंबर को होगी. इस दिन व्रत रखा जाता है. इसके साथ ही शादी के शुभ मुहूर्त का दौर शुरू हो जाता है. इस देवउठनी एकादशी के अगले दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को तुलसी विवाह होगा. सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन किए गए कुछ विशेष उपाय आपकी तमाम परेशानियों का समाधान कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि वे उपाय क्या हैं.
तुलसी विवाह के दिन कर लें ये विशेष उपाय
नहीं मिल रहा संतान सुख?
अगर विवाह के कई साल गुजर जाने के बावजूद आप संतान सुख से तरस रहे हैं तो तुलसी विवाह वाले दिन मां तुलसी और भगवान शालिग्राम का विधि विधान से विवाह करवाएं. साथ ही विवाह के उपरांत तुलसी देवी को 16 श्रंगार का सामान अर्पित करना न भूलें. कहते हैं कि इस उपाय से निसंतान दंपत्ति की कोख हरी हो जाती है और जल्द ही उनके आंगन में किलकारियां गूंजने लगती हैं.
झेल रहे हैं आर्थिक तंगी!
आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए मां तुलसी का विवाह उपाय फायदेमंद माना जाता है. कहते हैं कि तुलसी विवाह के दिन यानी 13 नवंबर को उन्हें तुलसी मां के सामने घी का दीया प्रज्वलित करना चाहिए. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक समस्याएं धीरे-धीरे खत्म होने लग जाती हैं.
पार्टनर के साथ कलह
जो लोग दांपत्य जीवन में परेशानियां झेल रहे हैं या प्रेम संबंध विवाह की मंजिल तक पहुंच पा रहा है, उन्हें तुलसी विवाह वाले दिन अपने साथी के साथ मंगलाष्टक का पाठ करना करना चाहिए. ऐसा करना वास्तु के हिसाब से शुभ माना जाता है. कहते हैं कि ऐसा करने से दोनों के बीच कड़वाहट घुल जाती है और रिश्ते मधुर हो जाते हैं. वहीं प्रेम संबंध आगे बढ़कर शादी तक पहुंच जाते हैं.
शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक
ज्योतिष आचार्यों के मुताबिक तुलसी विवाह को शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन पूजा करने से परिवार में खुशियां आती हैं और जीवन में अटके हुए तमाम काम अपने आप पूरे होने लग जाते हैं. मान्यता है कि भगवान शालिग्राम भगवान विष्णु के प्रतीक होते हैं, जबकि तुलसी देवी मां लक्ष्मी की प्रतीक मानी जाती हैं. ऐसे में तुलसी विवाह करने पर हमें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)