Chhath Puja 2024: कल से शुरू होगा छठ का महापर्व, जान लें नहाय खाय से लेकर सूर्योदय अर्घ्य देने की सही डेट और महत्व
Advertisement
trendingNow12499577

Chhath Puja 2024: कल से शुरू होगा छठ का महापर्व, जान लें नहाय खाय से लेकर सूर्योदय अर्घ्य देने की सही डेट और महत्व

Chhath Puja 2024 Date and Time: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ छठ महापर्व का आरंभ होता है जो 4 दिनों तक चलता है. छठ पूजा को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. आइए जानते हैं इस साल छठ पूजा, नहाय खाय, खरना कब है...

Chhath Puja 2024: कल से शुरू होगा छठ का महापर्व, जान लें नहाय खाय से लेकर सूर्योदय अर्घ्य देने की सही डेट और महत्व

Chhath Puja 2024 Date: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ छठ महापर्व का आरंभ होता है जो 4 दिनों तक चलता है. छठ पूजा को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे भविष्य, सुख-समृद्धि के लिए करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. मूलरूप से बिहार और पूर्वांचल के लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं. साथ ही देश के कई राज्यों से लेकर विदेश तक इस पर्व की धूम देखने को मिलती है. आइए जानते हैं इस साल छठ पूजा, नहाय खाय और खरना किस दिन होगा.

 

कब है छठ पूजा? (Chhath Puja 2024 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 7 नवंबर को रात 12 बजकर 41 मिनट पर हो रही है. वहीं, इसका समापन 8 नवंबर को रात 12 बजकर 34 मिनट पर होगा. ऐसे में छठ पूजा 7 नवंबर को है और इसी दिन शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: 4 दिन बाद शुक्र करेंगे राशि परिवर्तन, 3 राशियों की चमकेगी किस्मत, खूब होगा धनलाभ!

 

छठ पूजा 2024 तिथियां

नहाय-खाय
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय खाय होता है. इस साल नहाय खाय 5 नवंबर को है. इस दिन महिलाएं सुबह स्नान कर सूर्य को जल देती हैं. दाल, चावल और लौकी की सब्जी खाती हैं. इसके बाद दिन और रात को भी सात्विक भोजन करती हैं

खरना
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर खरना होता है. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखती हैं.

संध्या अर्घ्य
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व का तीसरा दिन होता है जो बहुत विशेष माना जाता है. इस दिन महिलाएं नदी या तालाब में जाकर सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं.

 

प्रातःकालीन अर्घ्य
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के साथ छठ महापर्व का समापन होता है. इस दिन महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं और व्रत का पारण करती हैं. 

 

इन बातों का विशेष रूप से रखें ध्यान
- छठ पूजा के दौरान पूजन सामग्री को जूठे हाथ से भूलकर भी नहीं छूना चाहिए. इससे व्रत खंडित हो जाता है.
- छठ महापर्व के दौरान कवेल सात्विक भोजन का ही सेवन करें. 

यह भी पढ़ें: छठ पूजा के बाद शनि का चाल परिवर्तन, कर्क समेत ये 4 राशि वाले लोग हो जाएं सावधान, झेलनी पड़ेंगी मुश्किलें!

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news