दिवाली (Diwali) 14 नवंबर को मनाई जाएगी, इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस साल दिवाली पूजन के कई शुभ योग बन रहे हैं. इनमें से किसी में भी पूजा करना फलदायी साबित होगा.
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नई दिल्ली: हिंदुओं का सबसे बड़ा महापर्व दिवाली (Diwali) 14 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन मुख्य तौर पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. मान्यता है कि दीपावली यानी कार्तिक मास की अमावस्या पर लक्ष्मी जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है. दिवाली की पूजा विशेष मुहूर्त में की जाती है. इन मुहूर्तों को उस समय के काल और लग्न की गणना के अनुसार निकाला जाता है.
इस साल कार्तिक अमावस्या 14 नवंबर 2020, शनिवार को दोपहर 2 बजकर 18 मिनट के बाद से लग जाएगी. दिवाली 14 नवंबर 2020, शनिवार को मनाई जाएगी. बह्मपुराण के अनुसार, अर्द्धरात्रि व्यापिनी अर्थात आधी रात तक रहने वाली अमावस्या ही श्रेष्ठ होती है. डॉ.ज्योति वर्धन साहनी के अनुसार, इस दिवाली पर पूजा करने के शुभ मुहूर्त (Subh Muhurat) क्या होंगे, जानें यहां.
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प्रदोष काल में क्या करें
14 नवंबर 2020, शनिवार को प्रदोष काल में मंदिर में दीपदान, रंगोली बनाने और पूजा से जुड़ी अन्य तैयारी कर लेनी चाहिए. साथ ही मिठाई वितरण का काम भी कर लेना चाहिए. इन सभी कार्यों को प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही द्वार पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ लिखने का कार्य भी इस दौरान किया जा सकता है.
प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 05.26 बजे से रात 08.08 बजे तक
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उम्र में खुद से बड़े लोगों, परिवार के सदस्यों से आशीर्वाद लेना भी शुभ माना जाता है. धर्म स्थल पर दान आदि का काम भी प्रदोष काल में किया जा सकता है.
निशीथ काल में क्या करें
14 नवंबर शनिवार के दिन निशीथ काल रात में लगभग 8 बजे से लेकर 11 बजे तक रहेगा. स्थानीय प्रदेशों के अनुसार इस दौरान कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है. इस काल में धन की देवी लक्ष्मी का आह्वान एवं पूजन, गल्ले की पूजा तथा हवन आदि कार्य पूरे कर लेने चाहिए.
इसके साथ ही महालक्ष्मी पूजन, महाकाली पूजन, लेखनी कुबेर, पूजन व अन्य मंत्रों का जप भी कर लेना शुभ रहता है.
निशीथ काल मुहूर्त- रात में 08.08 बजे से 10.51 बजे तक
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महानिशीथ काल में क्या करें
महानिशीथ काल में कर्क लग्न भी हो तो शुभ माना जाता है. जो लोग शास्त्रों के अनुसार दिवाली पूजन करना चाहते हैं, उन्हें इस समयावधि में पूजा कर लेनी चाहिए. इस काल में मुख्यतौर पर तांत्रिक, ज्योतिर्विद, वेद आरंभ, कर्मकांडी, अघोरी, यंत्र-मंत्र-तंत्र के ज्ञाता अलग-अलग शक्तियों का पूजन करते हैं.
महानिशीथ काल मुहूर्त- रात में 10.51 बजे से 15 नवंबर की रात 02.33 बजे तक
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दिवाली पूजन लग्न
वृश्चिक लग्न- सुबह 06.57 बजे से 09.14 बजे तक.
कुंभ लग्न- दोपहर में 01.02 बजे से 02.29 बजे तक
वृष लग्न- शाम को 05.30 बजे से 07.24 बजे तक
सिंह लग्न- रात में 12 बजे से 15 नवंबर की रात 02.17 बजे तक