घर का पूजा स्थल या मंदिर सही नहीं है तो कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही भगवान से की गई प्रार्थना स्वीकार नहीं होती है. ऐसे में घर के पूजा मंदिर का विशेष ध्यान रखना चहिए.
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नई दिल्ली: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. शास्त्रों में पूजा स्थान के बारे में कई बातें बताई गई हैं. घर में पूजा स्थान सही दिशा में होने पर जीवन में सुख-शांति का वास होता है. वहीं गलत दिशा में घर का पूजा मंदिर होने पर कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा जीवन से सुख-शांति चली जाती है. ऐसे में जानते हैं कि घर का पूजा मंदिर कैसा होना चाहिए.
-घर के पूजा मंदिर में गणेशजी की प्रतिमा रखना शुभ माना जाता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गणेशजी की 3 मूर्तियां न रहे. ऐसा करने से घर में अशांति पैदा हो सकती है. गणेशजी की 2 मूर्तियां रखी जा सकती है.
-मंदिर में शंख रखना शुभ माना गया है, लेकिन पूजा घर में सिर्फ एक शंख ही रखना चाहिए. अगर एक से अधिक पूजा मंदिर में है तो बाकी को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.
-घर के पूजा स्थल या मंदिर में रखी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है. ऐसे में बड़ी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए. अगर पूजा मंदिर में शिवलिंग रखा है तो उसका आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए.
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-अगर पूजा में आरती करते हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि दीपक में घी या तेल पर्याप्त मात्रा में हो, क्योंकि पूजा के बीच में दीपक बुझने से पूजा निष्फल हो जाती है.
-पूजा में हमेशा ताजे और स्वच्छ फूल का ही इस्तेमाल करना चाहिए. हरसिंगार के फूल को छोड़कर बाकी को पेड़ से तोड़कर ही चढ़ाया जाता है. नीचे गिरे हुए फूलों को नहीं चढ़ाना चाहिए.
-शास्त्रों के मुताबिक तुलसी के पत्ते 11 दिनों तक बासी नहीं होते हैं. ऐसे में पहले तोड़े गए तुसली के पत्तों पर जल छिड़ककर भगवान को अर्पित किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)