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नई दिल्ली: प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश की आज जयंती है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है. गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) का त्योहार इस बार 15 फरवरी 2021 दिन सोमवार को मनाया जा रहा है. गणेश जयंती के पर्व को माघ विनायक चतुर्थी (Magh Vinayak Chaturthi), वरद चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी आदि के नाम से भी जाना जाता है. दक्षिण भारत की मान्यताओं के अनुसार आज के ही के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था इसलिए गणेश जयंती के दिन गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.
इस साल गणेश जयंती विशेष रवि योग (Ravi Yog) में मनायी जाएगी जो 15 फरवरी की सुबह 6.59 बजे से लेकर शाम में 6.29 बजे तक जारी रहेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि-विधान से व्रत और पूजन करने वालों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और ईश्वर अपने भक्त को सभी संकटों और विघ्नों से मुक्ति दिलाते हैं. तो आगे पढ़ें गणेश जयंती का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat), पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
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गणेश जयंती की तिथि- 15 फरवरी 2021 दिन सोमवार
चतुर्थी तिथि आरंभ- 15 फरवरी 2021 की रात 1.58 बजे से.
चतुर्थी तिथि समाप्त- 16 फरवरी 2021 की प्रातःकाल 3.36 पर.
गणेश जयंती पूजा मुहूर्त- 15 फरवरी सुबह 11.28 बजे से दोपहर 1.43 बजे तक शुभ मुहूर्त.
पूजा की कुल अवधि- 2 घंटे 14 मिनट
गणेश जयंती पर रवि योग- 15 फरवरी प्रातःकाल 6.59 बजे से शाम में 6.29 बजे तक.
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- गणेश चतुर्थी के दिन सुबह गणपति बप्पा के व्रत का संकल्प लें
- शुभ मुहूर्त में किसी पाटे, चौकी लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें और पूजा आरंभ करें
- गणेश जी को सिंदूर अर्पित करें और धूप-दीप जलाएं.
- विघ्नहर्ता को मोदक, लड्डू, फूल, दुर्वा आदि अर्पित करें.
- पूरे परिवार सहित गणेश जी की आरती करें.
- इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू अर्पित करने चाहिए और तिल का प्रसाद भी बांटा जाता है.
- नहाने के पानी में भी तिल मिलाकर स्नान करते हैं.
भूल से भी न करें ये काम
गणेश जयंती के दिन भूल से भी चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने वाले व्यक्ति को मानसिक कष्ट से गुजरता पड़ता है और साथ ही पूजा और व्रत का फल और पुण्य भी प्राप्त नहीं होता. इसके अलावा गणेश जयंती के दिन वाद-विवाद और घर में क्लेश करने से भी बचना चाहिए.
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