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Diamond Neelam pahanne ka Asar: आजकल हर कोई डायमंड पहनता है. फैशन के चक्कर में डायमंड पहनना भारी भी पड़ सकता है क्योंकि डायमंड सभी राशि वालों को सूट नहीं करता है. इसी तरह नीलम रत्न भी चुनिंदा लोगों को ही सूट करता है. लेकिन इन दोनों रत्नों की खासियत है कि ये जिन्हें सूट कर जाएं उन्हें फर्श से अर्श पर पहुंचा देते हैं, वहीं जिन्हें सूट न हों तो उन्हें तबाह कर देते हैं.
कुंडली के शुक्र और शनि जैसे ग्रहों के अशुभ असर को कम करने के लिए और इन ग्रहों को मजबूत करने के लिए हीरा और नीलम रत्न धारण किए जाते हैं. ये रत्न दिखने में जितने सुंदर होते हैं, प्रभाव के मामले में उतने ही ताकतवर होते हैं. इनके शुभ और अशुभ असर दोनों ही बहुत दमदार होते हैं इसलिए जीवन पर बड़ा प्रभाव डालते हैं. लिहाजा इन रत्नों को कभी भी बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं पहनना चाहिए.
नीलम: नीलम रत्न शनि का प्रमुख रत्न है. जिन जातकों की कुंडली के लिहाज से यह रत्न शुभ हो यह उन्हें सफलता के चरम पर पहुंचा देता है. वहीं जिन लोगों के लिए अशुभ हो, उन्हें मिट्टी में मिला देता है. बड़ी दुर्घटना, कंगाली, मान हानि कराता है. इसलिए विशेषज्ञ को अपनी कुंडली दिखाकर ही नीलम रत्न धारण करना चाहिए. बल्कि इसे अंगूठी, पेंडेंट में पहनने से पहले नीले कपड़े में बांधकर तकिए के नीचे रखकर या हाथ में बांध कर सोना चाहिए. यह रत्न 24 घंटे में असर दिखाने लगता है. नीलम रत्न मकर, कुंभ, वृष, मिथुन, कन्या और तुला के जातक धारण कर सकते हैं.
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डायमंड: हीरे का संबंध शुक्र ग्रह से है. यह रत्न जीवन में सुख-समृद्धि, धन-दौलत देता है. साथ ही लव लाइफ-मैरिड लाइफ पर असर डालता है. लेकिन हीरा हर किसी को सूट नहीं करता है. हालांकि कम वजन के हीरे पहनने से कोई असर नहीं पड़ता है लेकिन बड़ा हीरा बहुत सोच-समझकर पहनना चाहिए. डायमंड केवल वृषभ, तुला राशि वालों को शुभ फल देता है. यदि यह अशुभ रहे तो जातक धन हानि, दांपत्य में समस्या झेलता है. इसके अलावा बड़े नुकसान और दुर्घटना का कारण भी बन सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)