Khatu Shyam Mela 2024: मार्च में इस दिन से लगेगा खाटू श्याम बाबा का लक्खी मेला, जानें तारीख और जुड़ी मान्यताएं
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Khatu Shyam Mela 2024: मार्च में इस दिन से लगेगा खाटू श्याम बाबा का लक्खी मेला, जानें तारीख और जुड़ी मान्यताएं

Khatu Shyam Mela 2024 Start Date: खाटू श्याम जी के भक्तों को बाबा के जन्मदिन और खास लक्खी मेले का पूरे साल से इंतजार रहता है. आइए जानते हैं इस बार लक्खी मेले का आयोजन कब होगा और क्या है इस मेले की खास बातें.

Khatu Shyam Mela 2024: मार्च में इस दिन से लगेगा खाटू श्याम बाबा का लक्खी मेला, जानें तारीख और जुड़ी मान्यताएं

Khatu Shyam Mela 2024 Kab Hai: खाटू श्याम जी का प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के सीकर में मौजूद है. यहां दर्शन करने के लिए पूरे देश से आते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण के कलयुग के अवतार माने जाते हैं.

 

मनोकामनाएं होती हैं पूरी
माना जाता है कि जो भी खाटू श्याम जी के मंदिर आता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. इसके चलते रोज भारी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचते हैं. खाटू श्याम जी के भक्तों को बाबा के जन्मदिन और खास लक्खी मेले का पूरे साल से इंतजार रहता है. आइए जानते हैं इस बार लक्खी मेले का आयोजन कब होगा और क्या है इस मेले की खास बातें.

 

कब से लगेगा लक्खी मेला 2024?
साल 2024 में लक्खी मेले का आयोजन फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में किया जाएगा. इसके चलते 12 मार्च से मेले की शुरुआत होगी और समापन 21 मार्च को किया जाएगा. इस मेले में शामिल होने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं. इस मेले का सबसे अहम दिन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि वाला होता है. इस साल लाखों भक्तों के आने की उम्मीद की जा रही है. पुलिस और प्रशासन इसके आयोजन के लिए जमकर तैयारियां कर रही है.

 

लक्खी मेले का महत्व
हर साल फाल्गुन मास में लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है. लक्खी मेले के पीछे एक पौराणिक कथा है. कथा के मुताबिक द्वापर युग में घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक महाभारत युद्ध में उस पक्ष का साथ देने का फैसला लिया जो कमजोर है. कृष्ण जी को पता था कि कौरव कमजोर हैं, और अगर बर्बरीक साथ देंगे तो पांडवों की जीत नहीं हो पाएगी.

 

भगवान कृष्ण ने दिया वरदान

इसको देखते हुए कृष्ण जी ने ब्राह्मण रूप लिया और बर्बरीक से उसका शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने खुशी-खुशी अपनी शीश दान में दे दिया. इससे भगवान कृष्ण प्रसन्न हो गए और बर्बरीक को वरदान दिया कि तुन कलयुग के देवता और हारे का सहारा बनोगे. बताया जाता है कि इस कारण से लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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