दिन की शुरुआत देवी-देवताओं की पूजा से हो तो मन शांत रहता है. हालांकि ईश्वरीय पूजा के भी अपने कुछ खास नियम होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है, पूजा के नियम जानने के लिए पढ़ें ये लेख.
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नई दिल्ली: सनातन परंपरा में देवी-देवताओं की पूजा करने की तमाम तरह की विधियां बताई गई हैं. मसलन, कोई देवता मात्र जल से तो कोई महज पत्ती से तो कोई महज दूर्वा से ही प्रसन्न हो जाते हैं. वहीं जब हम अपने आराध्य की साधना-आराधना विधि-विधान से करते हैं तो हमें कई चीजों की जरूरत पड़ती है. पूजा के कई नियमों का पालन भी करना पड़ता है, जैसे दिन विशेष या फिर सुबह और शाम की पूजा में क्या करना चाहिए और क्या करना चाहिए. तो आइए जानते हैं कि किसी भी देवी-देवता की शास्त्रोचित पूजा करते समय हमें किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
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हिन्दू पूजा के जरूरी नियम
हिन्दू धर्म में पूजा संबंधी कई नियम-कायदे बनाए गए हैं. इनका पालन करने से पूजा का सही फल मिलता है. जानिए पूजन के नियम.
1. सनातन परंपरा को मानने वाले के घर में कम से कम पांच देवी-देवता यानी भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी दुर्गा, भगवान सूर्य एवं भगवान विष्णु की पूजा अवश्य होनी चाहिए. इन्हें भगवान सूर्य की सात, भगवान विष्णु की चार, गणपति की तीन, दुर्गा जी की एक परिक्रमा और भगवान शिव की आधी परिक्रमा करनी चाहिए.
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2. घर में कभी भी दो शिवलिंग, गणपति की तीन मूर्ति या चित्र, दो शंख, सूर्यदेव के दो चित्र या मूर्ति और दो शालिग्राम नहीं रखने चाहिए.
3. घर में कभी भी नटराज, भैरव, राहु-केतु और शनिदेव की मूर्ति नहीं स्थापित करनी चाहिए. इन सभी देवताओं को घर के बाहर मंदिर में ही पूजना शुभ होता है.
4. अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए उनसे संबंधित चीजें ही चढ़ाएं. भगवान शिव को बेल पत्र, भगवान विष्णु को तुलसी पत्र, गणपति को दूर्वा और भगवान सूर्य को लाल कनेर का फूल अत्यधिक पसंद है. शक्ति की साधना करते समय देवी दुर्गा को लाल रंग का फूल और लौंग का फूल चढ़ाएं.
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5. पूजा के दौरान शंख और घंटी बजाने पर उसकी आवाज से नकारात्मकता नष्ट होती है और सकारात्मकता बढ़ती है. लेकिन रात्रि के समय किसी भी देवी या देवता की पूजा करते समय शंख और घंटी नहीं बजाना चाहिए. मान्यता है कि रात के समय देवी-देवता सोने चले जाते हैं, ऐसे में उन्हें जगाने पर दोष लगता है.
6. देवी-देवताओं की मूर्ति को गंगाजल से स्नान करवाए बगैर चंदन-टीका नहीं लगाना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखें कि देवताओं को हमेशा अनामिका उंगली से ही तिलक लगाया जाता है.
7. पूजा में हमेशा घी का दीपक दाईं ओर और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए.
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8. पूजा में कभी भी एक दीपक से दूसरा दीपक नहीं जलाना चाहिए.
9. यदि आपकी पूजा के दौरान किसी चीज की कमी हो जाए या न उपलब्ध हो तो उसकी जगह पर अक्षत या फूल चढ़ा दें.