Baba Khatu Shayam: बाबा खाटू श्याम के धड़ और सिर किस शहर में हैं स्थापित, जानें ये रोचक घटना
Advertisement
trendingNow12051107

Baba Khatu Shayam: बाबा खाटू श्याम के धड़ और सिर किस शहर में हैं स्थापित, जानें ये रोचक घटना

Baba Khatu Shyam: बाबा खाटू श्याम को कलयुग में भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है. बता दें कि राजस्थान के सीकर और हरियाणा के बीड़ गांव में इनका भव्य मंदिर स्थापित है. जहां पर देश-विदेश भक्त अपनी मुराद लेकर इनके दर्शन करने के लिए आते हैं.

 

khatu shayam baba

Mahabharat katha: बाबा खाटू श्याम को एक नहीं बल्कि कई नामों से जाना जाता है. कलयुग में बाबा खाटू श्याम को भगवान श्रीकृष्ण का ही अवतार मानते हैं. दरअसल बाबा खाटू श्याम का ताल्लुक द्वापर युग से पहले हुए महाभारत युद्ध से है.

बाबा खाटू श्याम पांडवों के वंश के थे. दरअसल ये पांडवों में से एक बलशाली भीम के प्रपौत्र और घटोत्कच के बेटे थे. बचपन में लोग इन्हें बर्बरीक के नाम से जानते थे. बर्बरीक ने अपने बचपन में ही शक्ति माता की कठिन उपासना की थी. जिसके बाद माता ने प्रसन्न हो कर बर्बरीक को तीन अभेद्य बाण आशीर्वाद में दिया. यही वजह है कि बर्बरीक को तीन बाणधारी भी कहते हैं. आइए विस्तार में जानते हैं कि बाबा खाटू श्याम के सिर और धड़ को क्यों अलग किया गया और यह कहां स्थापित है. साथ ही इन्हें इतना क्यों पूजा जाता है इसके बारे में भी जानेंगे.

खाटू श्याम के शीश की राजस्थान में होती है पूजा

बाबा खाटू श्याम का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में है. जहां पर खाटू श्याम के शीश की पूजा की जाती है. यहां पर हर रोज लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.

धड़ की हरियाणा में होती है पूजा

बता दें कि बाबा खाटू श्याम के धड़ की पूजा हरियाणा के हिसार जिले के एक गांव बीड़ में होती है. यहां पर श्याम के धड़ की अराधना के लिए लोग दूर दूर से पहुंचते हैं. जहां पर इनकी मुरादें पूरी होती हैं.

बाबा के शीश और धड़ के अलग होने की रोचक कहानी

महाभारत युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से इनका शीश दान में मांग लिया था, जिसके बाद वीर बर्बरीक ने बिना सोचे समझे अपना सिर धड़ से अलग कर भगवान श्रीकृष्ण को दान कर दिया. इस पर भगवान श्रीकृष्ण इतना प्रसन्न हुए कि उन्होंने बर्बरीक को यह आशीर्वाद दिया कि कलयुग में वह उनके नाम से पूजे जाएंगे. इसके बाद ही बर्बरीक का शीश राजस्थान में स्थापित कर दिया गया. जहां पर आज भी उनकी बड़ी भव्यता से पूजा अर्चना की जाती है.

Premanand Ji: अपने अस्थिर मन को करना चाहते हैं शांत, अपना लें प्रेमानंद महाराज जी के ये अचूक उपाय
 

Vastu Tips: भगवान विष्णु, गणेश जी और मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय हैं ये 2 पीले फूल, घर में लगाने से तेजी से बढ़ता है धन आगमन
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

Trending news