Nag Kund: बड़ा चमत्कारी है ये कुंड, स्नान करने मात्र से ही दूर हो जाएगा कालसर्प दोष
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Nag Kund: बड़ा चमत्कारी है ये कुंड, स्नान करने मात्र से ही दूर हो जाएगा कालसर्प दोष

Nagkund of vindhyavasini dham: हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष महत्व है. इन दिनों में कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए कई उपायों का जिक्र किया गया है. काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए सावन के महीने को बेहद खास माना गया है. 

 

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Mysterios nagkund: हिंदू धर्म में श्रावण के महीने का विशेष महत्व है. इस माह में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का महत्व और भी अधिक हो जाता है. मान्यता है कि इस पूरे माह और कुछ विशेष तिथियों पर पूजा और उपाय आदि करने से कुंडली में मौजूद कई दोषों से छुटकारा मिलता है. 

बता दें कि यदि व्यक्ति को किसी भी प्रकार की काल सर्प दोष या फिर सांपों से डर लगता हो तो उन्हें विंध्य पर्वत के मिर्जापुर में स्थापित चमत्कारी कुंड में एक बार अवश्य स्नान करना चाहिए. प्राचीन काल में नागवंशी के द्वारा बनाए गए इस कुंड में स्नान करने से सांप से संबंधित सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है. चलिए विस्तार में इस चमत्कारी कुंड और इसकी विशेषताओं के बारे में विस्तार में जानें.

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2500 साल पूराना है ये चमत्कारी कुंड

बता दें कि इस चमत्कारी कुंड को 2500 वर्ष पूर्व नागवंशियों ने बनवाया गया था. इस नागवंशी कुंड की कुलदेवी मां विंध्यवासिनी है. नागवंशि इस कुंड में स्नान करने के बाद ही कुलदेवी मां के दर्शन के लिए जाते थे. नागवंशियों की कंतित राजधानी हुआ करती थी. कुंड में पूरे 32 घाट हैं, जहां सीढ़ियों के माध्यम से नीचे जाया जाता है.

कुंड में स्नान करने से मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति

स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कुंड में स्नान मात्र से ही उस व्यक्ति को कालसर्प दोष और सांपों से संबंधित सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है. दरअसल इस कुंड को पाताल लोक जाने का रास्ता माना जाता है.

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सावन में इस दिन होती है विशेष पूजा 

पुराणों की मानें तो कंतित के राजा दानव राज इसी कुंड के जरिए ही आना जाना करते थें. वहीं प्राचीन काल में जिन गरीब लोगों को शादी विवाह में दिक्कत होती थी तो वह यह मदद मांगते थें. जिसके बाद उन्हें खाने की सामग्री और बर्तन मिल जाते थें. इनका इस्तेमाल करने के बाद वह बचे भोजन को वापस से कुंड में ही डाल दिया करते थें. नागपंचमी के अवसर पर यहां विशेष पूजा का आयोजन होता है, जहां भक्त दूर दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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