पितृ पक्ष में न करें खरीदारी और न ही कोई शुभ कार्य, जानें इसके पीछे की खास वजह
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पितृ पक्ष में न करें खरीदारी और न ही कोई शुभ कार्य, जानें इसके पीछे की खास वजह

पितृ पक्ष (Pitra Paksh) के दौरान पितरों के नाम पर जो भी दान-पुण्य या भोजन तर्पण इत्यादि किया जाता है, उसमें पशु-पक्षियों व वनस्पति की सहभागिता प्रमुखता से मानी जाती है.

पितृ पक्ष में दान-दक्षिणा को शुभ माना गया है

नई दिल्ली: पितृ पक्ष 2020 (Pitra Paksh 2020) शुरू हो चुके हैं. पितृ पक्ष में सनातन धर्म के लोग अपने पितरों की पूजा और पिंडदान करते हैं. हिंदू धर्म के अनुयायी अपने पितरों के प्रति श्रद्धा, आभार और स्मरण व्यक्त करने तथा उनकी मोक्ष प्राप्ति के लिए हवन-पूजन, तर्पण व दान-पुण्य आदि करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे उनके पूर्वजों का आशीर्वाद उन पर पूरे परिवार सहित बना रहेगा और सभी प्रकार के रोग व शोक से उनकी रक्षा होगी. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, पितृ पक्ष अक्सर सितंबर में पड़ते हैं और इस साल ये 2 सितंबर से शुरू होकर 17 सितंबर तक चलेंगे. पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर श्राद्ध (Shradh) अमावस्या तक चलते हैं. 

  1. पितृ पक्ष में सनातन धर्म के लोग अपने पितरों की पूजा और पिंडदान करते हैं
  2. इस साल ये 2 सितंबर से 17 सितंबर तक चलेंगे
  3. इस दौरान खरीदारी या शुभ कार्यों से बचना चाहिए

पितृ पक्ष की मान्यता

इस समय को पितरों से आशीर्वाद पाने के लिए उत्तम माना जाता है. इसके साथ ही यह समय पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस दौरान कुछ खास नियमों का पालन किया जाता है और उनमें किसी भी तरह की लापरवाही से बचने की सलाह दी जाती है. इस पक्ष की सबसे सुंदर बात है कि यह किसी अंधविश्वास पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यदि इसके मूल में गहराई से देखा जाए तो यह अपने परिवार के पूर्वजों व पितरों के प्रति सम्मान का भाव रखने के अतिरिक्त प्रकृति व समस्त जीव-जंतुओं से मनुष्य जाति के जुड़ाव को दर्शाता है. इस समय पितरों के नाम पर जो भी दान-पुण्य या भोजन तर्पण इत्यादि किया जाता है, उसमें पशु-पक्षियों व वनस्पति की सहभागिता प्रमुखता से है. पितृ पक्ष के दौरान कुछ बातों का खासतौर पर ख्याल रखें. 

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पितृ पक्ष में क्या करें
1. पितृ पक्ष के दौरान देवी-देवताओं की नित्य पूजा करें.
2. पितृ पक्ष में रोजाना तर्पण करना अनिवार्य माना गया है.
3. इस दौरान दूध, पानी, जौ, चावल और गंगाजल से तर्पण करें. 
4. पितृ पक्ष में पिंड दान करें. 
5. पिंड को शरीर का प्रतीक माना जाता है. श्राद्ध कर्म में पके हुए चावल, दूध और तिल को मिलाकर पिंड बनाए जाते हैं. 
6. पितृ पक्ष में दान-दक्षिणा को शुभ माना गया है.

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पितृ पक्ष में क्या न करें
1. पितृ पक्ष के दौरान नए वस्त्र या सामान न खरीदें.
2. इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य, विशेष पूजा-पाठ और अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं. इसकी वजह है कि इस दौरान किए गए कोई भी कार्य स्थायी नहीं होते हैं और न ही शुभ फल देते हैं. 
3. जिस दिन आप किसी करीबी का श्राद्ध कर रहे हैं, उस दिन पान खाने और तेल लगाने की मनाही होती है.
4. इन दिनों में रंगीन फूलों का इस्तेमाल करना वर्जित होता है. 
5. पितृ पक्ष में शादी या उससे जुड़े कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
6.इस दौरान गरीबों, भिखारियों या किसी भी जीव-जंतु का अपमान नहीं करना चाहिए. 

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