Shri Ram ji ki Kundli: 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. आज हम इस लेख में प्रभु राम ने किस नक्षत्र में जन्म लिया था और उनकी कुंडली क्या कहती है इसके बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं.
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Lord Ram Kundli: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक व्यक्ति की कुंडली बहुत महत्व रखती है. कुंडली से व्यक्ति के विवाह, प्रेम, स्वास्थ्य, रोजगार, कारोबार, समेत सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सकती है. कुंडली में शुभ ग्रहों के मजबूत होने से व्यक्ति के कदमों में सफलता होती है. दूसरी तरफ अगर ग्रह कमजोर हो जाएं जीवनभर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पूरे देश में राम मंदिर को लेकर धूम मची हुई है. 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. आज हम इस लेख में प्रभु राम ने किस नक्षत्र में जन्म लिया था और उनकी कुंडली क्या कहती है इसके बारे में बताएंगे. आइए जानते हैं.
कब हुआ था प्रभु राम का जन्म?
हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस के अनुसार बालकांड की एक चौपाई में राम जी के जन्म के बारे में कहा गया है. वो चौपाई है
नौमी तिथि मधु मास पुनीता। सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता॥
मध्यदिवस अति सीत न घामा। पावन काल लोक बिश्रामा॥
इससे पता चलता है कि प्रभु राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. वहीं प्रभु राम के नक्षत्र इससे पता चलते हैं.
ततो य्रूो समाप्ते तु ऋतुना षट् समत्युय:।
ततश्च द्वादशे मासे चैत्रे नावमिके तिथौ॥
नक्षत्रेsदितिदैवत्ये स्वोच्चसंस्थेषु पंचसु।
ग्रहेषु कर्कटे लग्ने वाक्पताविन्दुना सह॥
प्रोद्यमाने जनन्नाथं सर्वलोकनमस्कृतम् ।
कौसल्याजयद् रामं दिव्यलक्षसंयुतम् ॥
इससे पता चलता है कि प्रभु राम का जन्म कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था. जिसका अर्थ है कि भगवान श्रीराम ने पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लिया था.
पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पुनर्वसु नक्षत्र में जन्में लोगों का स्वभाव काफी सौम्य और सुशील होता है. इन लोगों के मन में भरपूर भक्ति की भावना होती है. ऐसे लोग ईश्वर द्वारा मिली चीजों से खुश रहते हैं और इनका दिल बहुत बड़ा होता है. कहा जा सकता है कि इस नक्षत्र में जन्मे लोगों में भगवान राम जैसे गुण होते हैं.