Santoshi Mata: शुक्रवार को संतोषी माता के व्रत का क्या है महत्व, पूजा विधि भी जानें
Advertisement
trendingNow1864247

Santoshi Mata: शुक्रवार को संतोषी माता के व्रत का क्या है महत्व, पूजा विधि भी जानें

शुक्रवार को देवी लक्ष्मी के साथ ही संतोषी माता की भी पूजा और व्रत रखने का विधान है. 16 शुक्रवार तक संतोषी माता का व्रत रखने से भक्तजन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. क्या है इस व्रत का महत्व और पूजा विधि भी जानें.

संतोषी माता की ऐसे करें पूजा

नई दिल्ली: शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) के साथ ही बहुत से लोग संतोषी माता (Santoshi Mata) की भी पूजा और आराधना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि माता संतोषी का सच्चे मन से व्रत रखने और उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन व्रत करने के पहले कुछ महत्वपूर्ण विधान हैं, जिसका पालन किए बिना संतोषी माता का व्रत पूरा नहीं होता. इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है. मां संतोषी को मां दुर्गा (Goddess Durga) के सबसे शांत और कोमल रूपों में से एक माना जाता है. संतोषी माता का व्रत रखने का महत्व क्या है, इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है और पूजन विधि के बारे में यहां पढ़ें.

  1. शुक्रवार को किया जाता है संतोषी माता का व्रत
  2. संतोषी माता की पूजा और व्रत का क्या है महत्व
  3. संतोषी माता की पूजा के दौरान कुछ बातों का रखें ध्यान 

संतोषी माता के व्रत का महत्व

पौराणिक कथाओं की मानें तो मां संतोषी के पिता भगवान गणेश (Lord Ganesh) और माता रिद्धि-सिद्धि (Ridhi Sidhi) हैं और धन-धान्य और रत्नों से भरा परिवार होने के कारण इन्हें देवी संतोषी कहा जाता है. धर्म शास्त्रों की मानें तो शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी के साथ ही माता संतोषी को भी समर्पित होता है इसलिए इस दिन इनकी पूजा और व्रत को बेहद शुभ माना जाता है. संतोषी माता का व्रत 16 शुक्रवार (Friday) तक करने से स्त्री-पुरुषों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, परीक्षा में सफलता मिलती है, व्यवसाय में लाभ होता है और घर में सुख-समृद्धि भी आती है. अविवाहित कन्याएं अगर संतोषी माता का व्रत करें तो मां की कृपा से उन्हें सुयोग्य वर मिलता है.

ये भी पढ़ें- भगवान शिव के आंसू से हुई रुद्राक्ष की उत्पत्ति, जानें इसे पहनने के क्या-क्या फायदे हैं

संतोषी माता के व्रत के दिन क्या न करें 

- शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत करने वाले स्त्री या पुरुष को खट्टी चीजें खाना तो दूर छूना तक नहीं चाहिए.
- संतोषी माता का व्रत करने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को भी शुक्रवार को खट्टी चीजें नहीं खानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- मां लक्ष्मी को इन मंत्रों से करें प्रसन्न, पैसों से भरा रहेगा आपका जीवन

संतोषी माता की पूजा की विधि

सूर्योदय से पहले उठकर घर की सफाई करें और स्नान आदि के पश्चात घर में किसी सुन्दर व पवित्र जगह पर माता संतोषी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. माता संतोषी के सामने कलश रखें. कलश के ऊपर कटोरी में गुड़ व चना रखें. संतोषी माता के सामने घी का दीपक जलाएं. माता को रोली, अक्षत, फूल, नारियल, लाल वस्त्र या चुनरी अर्पित करें. माता संतोषी को गुड़ व चने का भोग लगाएँ. संतोषी माता की जय बोलकर माता की कथा प्रारंभ करें. कथा पूरी होने पर आरती करें और प्रसाद का भोग लगाएं.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें)

धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Trending news