पितृदोष भी एक ऐसा दोष है, जिसके होने से व्यक्ति को जन्मभर दुख भोगने पड़ते हैं. पितृदोष होने पर बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं और पारिवारिक समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं.
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नई दिल्लीः कहते हैं सावन माह में भगवान शिव अपने श्रद्धालुओं पर विशेष कृपा बरसाते हैं और इस दौरान अगर व्यक्ति कोई भी काम करता है तो महादेव अपने भक्तों को उस कार्य में सफलता जरूर देते हैं. वहीं सावन माह में भगवान शिव अपने भक्तों को हर तरह के दोषों से भी मुक्त कर देते हैं. इन्हीं में से एक पितृदोष भी एक ऐसा दोष है, जिसके होने से व्यक्ति को जन्मभर दुख भोगने पड़ते हैं.
दरअसल, हर व्यक्ति की कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें, नौवे और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति होती है, जिसे पितृदोष के नाम से जाना जाता है. यह दोष कई बार व्यक्ति के बनते काम बिगाड़ देता है. इस दौरान कई मानसिक और शारीरिक संताप व्यक्ति को तोड़ कर रख देते हैं. ऐसे में पितृदोष से मुक्ति के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं. तो चलिए बात करते हैं पितृदोष के बारे में-
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पितृदोष से होने वाले नुकसान-
- पितृदोष के चलते व्यक्ति को हमेशा आर्थिक और मानसिक परेशानी बनी रहती है.
- पारिवारिक परेशानियां भी पितृदोष की ही वजह से हो सकती हैं. पितृदोष के चलते परिवार में संतुलन नहीं बैठ पाता.
- छोटे से छोटे निर्णय लेने में कठिनाई होती है.
- संतान प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होना.
- परीक्षा, साक्षात्कार और नौकरी में वृद्धि का ना होना भी पितृदोष के ही लक्षण हैं.
पितृदोष से मुक्ति के लिए सावन में करें उपाय-
- पितृदोष से मुक्ति के लिए अमावस्या पर अपने पितरों के नाम से दान करें. दान में आप कपड़े, भोजन और अपने सामार्थ्य अनुसार जरूरत की चीजें दान कर सकते हैं.
- गुरुवार और शनिवार को पीपल की जड़ पर जल अर्पित करें.
- प्रत्येक रविवार को सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को तांबे के लोटे में शक्कर, लाल फूल और रोली डालकर जल अर्पित करें.
- दिन की शुरुआत करने से पहले अपने बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें.