Shaligram Puja Tips: तुलसी की जड़ में रखें शालीग्राम पत्थर, इस विधि से पूजन करने से मिलेगा भगवान विष्णु का आशीर्वाद
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Shaligram Puja Tips: तुलसी की जड़ में रखें शालीग्राम पत्थर, इस विधि से पूजन करने से मिलेगा भगवान विष्णु का आशीर्वाद

Shaligram Benefits: ज्योतिष शास्त्र में शालीग्राम को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना गया है. मान्यता है कि नियमित इनकी पूजा करने से लोगों की किस्मत बदल जाती है और भाग्य साथ देने लगता है. 

 

फाइल फोटो

Shaligram Keeping Rules: कई बार ऐसा होता है कड़ी मेहनत के बाद भी व्यक्ति की किस्मत साथ नहीं देती. परिवार में सुख-शांति बनाए रखने के लिए वे दिन-रात खूब मेहनत करता है. ताकि मां लक्ष्मी की कृपा उसके परिवार पर बनी रह सके. लेकिन कई बार मेहनत के बावजूद व्यक्ति को उतना लाभ नहीं मिल पाता, जिसकी वे इच्छा रखता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में भगवान की पूजा करने के साथ-साथ उनके स्वरूप की पूजा करने की भी बात कही गई है.  

ऐसी मान्यता है कि भगवान के स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति का भाग्य खुल जाता है. ऐसे ही भगवान विष्णु के एक स्वरूप शालीग्राम का जिक्र किया गया है. मान्यता है कि नियमित रूप से शालीग्राम की पूजा आदि करने से व्यक्ति की किस्मत बदल जाती है और वे जीवन में खूब तरक्की करता है. आइए जानते हैं शालीग्राम की पूजा कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें. 

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शालीग्राम एक काले रंग का पवित्र पत्थर है. इसे नारायण यानी भगवान विष्णु का विग्रह रूप माना गया है. शालीग्राम पत्थर को आमतौर पर तुलसी की जड़ के पास रखा जाता है. 

मान्यता है कि शालीग्राम पत्थर साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप हैं. 

नियमित पूजा से मिलता है ये फल

-  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे के साथ शालीग्राम की नियमित पूजा करने से धन की देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. मां उस घर में हमेशा के लिए निवास करती हैं, जहां तुलसी-शालीग्राम की पूजा की जाती है. ऐसे घर में दरिद्रता कभी वास नहीं करती. 

- काले रंग के इस पवित्र पत्थर को साक्षात नारायण का अवतार माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि शालीग्राम का तुलसी के साथ विवाह करने से भक्तों के सभी दुख, धन की कमी, क्लेश, कष्ट और रोग दूर होते हैं. ऐसे घर में सुख-शांति का निवास होता है और धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. 

- अगर आप शालीग्राम को तुलसी के साथ नहीं रखते हैं, तो इसे घर में किसी भी पवित्र स्थान पर स्थापित कर सकते हैं. 

- अगर आप शालीग्राम की स्थापना करने की सोच रहे हैं, तो दीवाली के दिन इसकी स्थापना करना बेहद शुभ माना गया है. पहले विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हुए पंचामृत से शालीग्राम का स्नान करवाना चाहिए. इसके बाद भगवान का पंचोपचार पूजन करते हुए इसकी स्थापना करें. 

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- इस बात का भी ध्यान रखें कि घर में सिर्फ एक ही शालीग्राम की स्थापना करें. 

- बिना तुलसी के शालीग्राम की पूजा भूलकर भी न करें. 

- नियमित रूप से शालीग्राम को पंचामृत से स्नान कराएं. 

- शालीग्राम की पूजा करने वाले लोग इस बात का ध्यान रखें कि वे मांस-मदिरा का सेवन न करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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