Shiv Puran: दिन के इस समय खुलता है शिव जी का तीसरा नेत्र, शिव पुराण में है जिक्र
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Shiv Puran: दिन के इस समय खुलता है शिव जी का तीसरा नेत्र, शिव पुराण में है जिक्र

Mahadev ki tisri aankh : भगवान शिव की तीसरी आंख कब खुलती है और इसका क्‍या प्रभाव होता है, इस बारे में शिव पुराण में बताया गया है. 

Shiv Puran: दिन के इस समय खुलता है शिव जी का तीसरा नेत्र, शिव पुराण में है जिक्र

Third Eye of Shiva in Hindi: 18 पुराणों में शिव पुराण को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. शिव पुराण में शिवजी की शक्ति, भक्ति और महिमा का दिव्य वर्णन किया गया है. साथ ही शिव जी के सभी अवतारों और ज्‍योतिर्लिंगों के बारे में विस्‍तार से बताया गया है. इसके साथ ही शिव जी के तीसरे नेत्र के बारे में भी शिव पुराण में वर्णन मिलता है. 

कैसे खुला शिव जी का तीसरा नेत्र? 

शिव पुराण के अनुसार एक बार हिमालय पर्वत पर भगवान शिव सभा कर रहे थे. इस सभा में सभी देवता, ऋषि-मुनि और ज्ञानी लोग शामिल थे, तभी सभा में माता पार्वती आईं और उन्होंने शिवजी के साथ मनोरंजन करने के लिए उनकी दोनों आंखें अपने हाथों से बंद कर दीं. 

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जैसे ही माता पार्वती ने शिवजी की आंखें ढकी पूरी सृष्टि में अंधेरा छा गया. ऐसा लगा कि सूर्य का कोई अस्तित्व ही न हो. धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं में खलबली मच गई. संसार की ये दशा भगवान शिव से देखी नहीं गई और उन्होंने अपने माथे पर एक ज्योतिपुंज प्रकट किया. यही ज्‍योतिपुंज भगवान शिव की तीसरी आंख बना. इस ज्‍योतिपुंज से तुरंत पूरी सृष्टि में प्रकाश हो गया और सारी व्‍यवस्‍थाएं यथावत चलने लगीं. 

भस्‍म भी कर देती है शिव जी की तीसरी आंख

आमतौर पर शिव जी के तीसरे नेत्र खुलने को उनके क्रोध से जोड़कर देखा जाता है. इसके पीछे पौराणिक कथा है कि एक बार शिव जी गहरी तपस्‍या में लीन थे तभी कामदेव प्रेम क्रीड़ा करने लगे और इससे शिव जी की तपस्या भंग हो गई. तब शिव जी ने अपना तीसरा नेत्र खोला और उसकी अग्नि से कामदेव भस्‍म हो गए. 

शाम को खुलता है महादेव का तीसरा नेत्र 

शिव पुराण में बताया गया है कि संध्याकाल में शिव जी अपने तीसरे नेत्र को खोलकर तीनों लोक को देखते हैं. साथ ही इसी समय वे अपने नंदी गणों के साथ भ्रमण करते हैं. लिहाजा शिव जी की नाराजगी से बचने के लिए शाम के समय ना तो कटु वचन बोलें. ना ही कोई अनैतिक कार्य, घर में कलह-क्लेश करें. साथ ही इस समय शारीरिक संबंध भी नहीं बनाएं. वरना शिव जी का क्रोध तबाह कर देता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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