Science News: भारतीय वैज्ञानिकों की शानदार खोज, आज भी दुनिया कर रही जिनका इस्तेमाल
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Science News: भारतीय वैज्ञानिकों की शानदार खोज, आज भी दुनिया कर रही जिनका इस्तेमाल

Indian Scientists: वो भारतीय वैज्ञानिक जिनके रिसर्च को आज भी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है. इनमें से एक को उनके काम के लिए नोबल प्राइज और भारत रत्न दोनों से ही पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.

 

फाइल फोटो

Indian Scientists and Their Inventions: मशीनों ने इंसान के जीवन को आसान बना दिया है और इनकी मदद से हमारे घंटों के काम चुटकियों में निपट जाते हैं. ऐसी मशीनों के आविष्कार में वैज्ञानिक अपनी पूरी जिंदगी लगा देते हैं. रिसर्च के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों ने भी खूब नाम कमाया है. आज यहां हम ऐसे ही कुछ भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में जानेंगे, जिनकी रिसर्च आज भी दुनिया के कई काम को आसान कर रही है.

विक्रम साराभाई

इसरो (Indian Space Research Organisation) के कारनामें का दुनिया को चौंका कर रख देते हैं. इसी इसरो जैसे महान संगठन की स्थापना देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने की थी. विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का पिता भी कहा जाता है. इसरो के अलावा उन्होंने अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र अहमदाबाद और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद जैसे कई महत्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना में योगदान दिया.

चन्द्रशेखर वेंकटरमन

चन्द्रशेखर वेंकटरमन का नाम भारत के महान भौतिक वैज्ञानिक के तौर पर लिया जाता है. साल 1930 में रमन इफ़ेक्ट की खोज के लिए उनको नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. चन्द्रशेखर वेंकटरमन को भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया है. आपको बता दें कि वेंकटरमन को लेनिन शान्ति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था.  

सलीम अली

भारत के “बर्डमैन” नाम से फेमस सलीम अली एक महान प्रकृतिवादी और पक्षी विज्ञानी थे. जिन्होंने पहली एक ऐसे व्यवस्थित तरीके की खोज की जिसने पक्षी सर्वेक्षण को आसान बना दिया. भारतीय पक्षीविज्ञान के लोकप्रिय वैज्ञानिक सलीम अली को भारत सरकार द्वारा 1958 में पद्म भूषण और 1976 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.

जगदीश चंद्र बोस

भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जीवविज्ञान और पुरातत्व का गहरा ज्ञान रखने वाले जगदीश चंद्र बोस भारत के ऐसे पहले रिसर्चर थे जिन्होंने अमेरिकी पेटेंट हासिल किया था. उन्होंने पौधों पर मौसम के बदलाव का अध्ययन किया और बताया कि पौधे भी संवेदनशील होते हैं. पौधों में वृद्धि को मापने के लिए अर्धचंद्राकार का आविष्कार भी जगदीश चंद्र बोस ने ही किया था.

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