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नई दिल्ली: किचन में आम तौर पर दूध को स्टोव पर उबालने के दौरान थोड़ा सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि ज्यादा खौलने पर दूध बर्तन से बाहर आ जाता है. जबकि उसी गैस पर रखने पर पानी उबलाने पर वह धुंए में तब्दील हो जाता है लेकिन कितना भी गर्म होने पर बर्तन से बाहर नहीं आता. क्या कभी आपने इसकी वजह जानने की कोशिश की है, चलिए हम आपको इसका वैज्ञानिक कारण बताते हैं.
दूध और पानी में मूल तौर पर उसमें में मौजूद तत्व अंतर पैदा करते हैं. दोनों ही तरल (Liquid) हैं और हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी हैं. लेकिन खौलने की प्रक्रिया के दौरान दूध और पानी अपने तत्वों की वजह से अलग तरह से रिएक्ट करते हैं. दूध एक पौष्टिक आहार है और उसमें प्रोटीन से लेकर फैट और लैक्टोज पाए जाते हैं.
स्टोव पर गर्म करने कौ दौरान जब दूध ज्यादा खौलने लगता है तो उसमें मौजूद पानी भाप बनकर उड़ने लगता है और दूध गाड़ा होता जाता है. इसकी वजह है कि गर्म होने पर दूध में मौजूद फैट समेत अन्य तत्वों का पानी निचुड़ जाता है. इसके बाद ये सभी तत्व हल्के होने की वजह से दूध की सतह पर आ जाते हैं और मलाई या क्रीम का रूप ले लेते हैं.
दूध जब गर्म होता है तो ऊपर वाली परत पर प्रेशर आता है लेकिन यह मोटी परत दूध को बाहर निकलने से रोकती है. ज्यादा खौलने पर यह परत भी दूध के साथ बर्तन के बाहर आ जाती है.
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दूसरी ओर पानी में ऐसे कोई तत्व नहीं होते जो गर्म होने पर ऊपर परत के रूप में आ जाएं. ऐसे में जब हम स्टोव पर पानी को खौलाते हैं तो पानी वहीं उबलकर भाप में तब्दील होने लगता है. ज्यादा देर खौलाने पर बर्तन का पूरा पानी भाप बनकर खत्म हो सकता है लेकिन वह दूध की तरह कभी बर्तन से बाहर नहीं निकलता है.