Pee Power: अब यूरिन से चार्ज होगा मोबाइल फोन! वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी
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Pee Power: अब यूरिन से चार्ज होगा मोबाइल फोन! वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी

फोन को चार्ज करने के लिए या टीवी चलाने के लिए अब आपको बिजली की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप अपने यूरिन से ही बिजली (Pee Power) का निर्माण कर सकेंगे. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

लंदन: फोन को चार्ज करने के लिए या टीवी चलाने के लिए अब आपको बिजली की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप अपने यूरिन (Pee Power) से बिजली पैदा कर घर में जितनी चाहे, बिजली पैदा कर सकेंगे.  

  1. कामयाब हुआ वैज्ञानिकों का रिसर्च
  2. यूरिन से घर में बना सकेंगे बिजली
  3. 2 साल पहले शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

कामयाब हुआ वैज्ञानिकों का रिसर्च

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक पेशाब से बनने वाली बिजली (Pee Power) पर किया जा रहा वैज्ञानिकों का रिसर्च कामयाब हो गया है. इसके साथ ही लोगों को भविष्य में सौर ऊर्जा और वायु ऊर्जा के साथ ही Pee Power से भी बिजली बनाने का विकल्प मिल जाएगा. ऊर्जा का न केवल यह स्वच्छ विकल्प होगा बल्कि काफी सस्ता भी होगा.

यूरिन से घर में बना सकेंगे बिजली

ब्रिटेन के ब्रिस्टल में रिसर्चर की एक टीम ने मानव मल और पेशाब से बनने वाला नया स्वच्छ ऊर्जा ईंधन सेल विकसित किया है. यह सेल मानव अपशिष्ट को बिजली में बदल सकता है. दावा है कि इस सेल से बनी बिजली (Pee Power) से आप पूरे दिन घर को रोशन कर सकते हैं. 

2 साल पहले शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

रिपोर्ट के मुताबिक इस Pee Power प्रोजेक्ट को 2 साल पहले Glastonbury festival में सबके सामने दिखाया गया था. वहां पर वैज्ञानिकों ने इस बात को प्रूव किया था कि टॉयलेट्स के यूरिन से बिजली पैदा की जा सकती है. इसके बाद यूरिन से बिजली बनाकर मोबाइल फोन, लाइट, टीवी और घरों को रोशन करने के मिशन पर काम शुरू हुआ. 

300 वॉट बिजली बनाने में मिली कामयाबी

Bristol बायो एनर्जी सेंटर के वैज्ञानिकों के मुताबिक 5 दिनों तक चले फेस्टिवल में आए लोगों ने टॉयलेट में जितना यूरिन किया, उससे 300 वॉट प्रति घंटा बिजली पैदा करने में कामयाबी मिली. दूसरे शब्दों में कहें तो आप यूरिन से बनी इस बिजली से 10 वॉट क्षमता वाले बल्ब 30 घंटे तक रोशन कर सकते थे. 

नन्हें Microbes का किया गया इस्तेमाल

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस रिसर्च में आंखों से न दिखने वाले बेहद बारीक जीव Microbes का इस्तेमाल किया गया. वैज्ञानिकों ने एक बॉक्सनुमा सेल को माइक्रोब्स से भर दिया. ये माइक्रोब्स घास, मानव यूरिन समेत किसी भी ऑर्गेनिक वस्तु को खाकर उसे बिजली में बदल देते हैं. बिजली बनने के बाद बचे अवशेष का खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. 

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एक व्यक्ति से रोजाना ढाई लीटर यूरिन

रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति दिन में औसतन ढाई लीटर यूरिन पैदा करता है. ऐसे में परिवार में अगर चार लोग हैं तो रोजाना करीब 10 लीटर यूरिन इकट्ठा हो सकता है. इतना यूरिन Microbial Fuel Cell को काम करने और लगातार बिजली उत्पादन के काफी होता है. यानी आपका परिवार घर में निकले यूरिन से बिजली पैदा कर आने वाले वक्त में टीवी, बल्ब, मोबाइल चार्ज जैसे तमाम काम निपटा सकेगा.  

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