ब्रह्मांड में दो महाविशाल ब्लैक होल एक-दूसरे से टकरा रहे हैं! देखकर वैज्ञानिक भी भौचक्के रह गए
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ब्रह्मांड में दो महाविशाल ब्लैक होल एक-दूसरे से टकरा रहे हैं! देखकर वैज्ञानिक भी भौचक्के रह गए

Black Holes Colliding: वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में दो क्वेसार को एक-दूसरे से टकराते देखा है. अभी तक ऐसी टक्कर की सिर्फ कल्पना ही की गई थी. पहली बार उन्हें वास्तविकता में देखा गया है.

ब्रह्मांड में दो महाविशाल ब्लैक होल एक-दूसरे से टकरा रहे हैं! देखकर वैज्ञानिक भी भौचक्के रह गए

Black Holes Merger: शुरुआती ब्रह्मांड में आकाशगंगाएं आपस में टकरा सकती थीं और बढ़ सकती थीं, इसकी पुष्टि हो गई है. वैज्ञानिकों ने दो भयानक क्वेसार का एक-दूसरे में विलय होते देखा है. यह विलय बिग बैंग से महज 900 मिल‍ियन साल बाद, 'ब्रह्मांडीय भोर' में हुआ. यह इस युग में पाया गया पहला टकराने वाला क्वेसार जोड़ा है. रिसर्च के नतीजे The Astrophysical Journal Letters में छपे हैं.

'ब्रह्मांडीय भोर' बिग बैंग के बाद लगभग 50 मिलियन साल से एक अरब वर्ष तक की अवधि को कहते हैं, जब ब्रह्मांड में पहले तारे, ब्लैक होल और आकाशगंगाएं बनीं. कायदे से, इस अवधि को विलीन होती हुई आकाशगंगाओं से भरा होना चाहिए, लेकिन पिछली खोजों में केवल एकाकी आकाशगंगाएं ही सामने आई थीं. पहली बार वैज्ञानिकों को तबकी महाविशाल आकाशगंगाओं के विलय का सबूत मिला है.

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दोनों ब्लैक होल के टकराने की कंपोजिट इमेज

क्वेसार क्या होते हैं?

क्वेसार हमारे ब्रह्मांड की सबसे चमकदार चीजों में से एक हैं. ये महाविशाल आकाशगंगाओं के केंद्र में मौजूद महाविशाल ब्लैक होल होते हैं जो बड़ी तेजी से पदार्थ को निगलते हैं. इनके चारों तरफ भारी मात्रा में धूल और गैस के बादल मौजूद होते हैं. यह प्रक्रिया बादल पर काम करने वाले घर्षण और गुरुत्वाकर्षण बलों से बहुत अधिक मात्रा में धधकती रोशनी पैदा करती है, जिससे यह चमकता है.

वैज्ञानिकों को लगता है कि क्वेसार तब बनते हैं जब दो आकाशगंगाओं का विलय होता है. इस प्रक्रिया की वजह से आकाशगंगा के केंद्र में पदार्थ भारी मात्रा में जमा होता है. वैज्ञानिकों ने हाल के ब्रह्मांड में अतीत और चल रहे विलयों के बहुत सारे सबूत देखे हैं. हालांकि, ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में ऐसे विलयों की बस कल्पना ही की जाती रही, कभी इन्हें देखा नहीं गया था.

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वैज्ञानिकों ने कैसे की यह खोज?

तमाम खोजों की तरह, हालिया खोज भी अनायास ही हुई. रिसर्चर्स सुबरू टेलीस्कोप से जुटाए डेटा पर नजर डाल रहे थे जब उन्हें कुछ अजीब दिखा. जापान के एहिमे विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री योशिकी मात्सुओका ने बताया, 'मैंने एक-दूसरे के बगल में दो समान और बेहद लाल स्रोतों को देखा.' ऐसा कई वजहों से संभव है. उदाहरण के लिए, किसी एक वस्तु के प्रकाश को तोड़ा और दोहराया जा सकता है अगर दर्शक और सोर्स के बीच में स्पेस-टाइम की ग्रेविटेशनल वार्पिंग हो, ऐसे में एक वस्तु दो या अधिक जैसी दिखती है.

इसलिए रिसर्चर्स ने सुबरू टेलीस्कोप और जेमिनी नॉर्थ की मदद से और अध्ययन किया. उन्होंने अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर ऐरे (ALMA) का भी यूज किया. वैज्ञानिकों ने पाया कि ये वस्तुएं न केवल वास्तविक और हमसे बहुत दूर थीं, बल्कि एक-दूसरे के बिल्कुल पास थीं और उनके बीच केवल 40,000 प्रकाश वर्ष की दूरी थी.

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वैज्ञानिकों ने पाया कि आकाशगंगाओं से आ रहे प्रकाश का एक बड़ा हिस्सा नए तारों के निर्माण की वजह से था. उन्होंने गैस का एक पुल भी देखा जो दोनों आकाशगंगाओं को जोड़े हुए था. इससे यह पता चला कि दोनों इंटरएक्ट कर रही हैं और उनका विलय हो रहा है. दोनों ही आकाशगंगाओं के केंद्र में महाविशाल ब्लैक होल मौजूद हैं जिनका द्रव्यमान सूर्य से कई सौ मिलियन गुना ज्यादा है. यह इसलिए हैरान करने वाली बात है क्योंकि हमारी Milky Way गैलेक्सी के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल सूर्य से सिर्फ 4.3 मिलियन गुना बड़ा है.

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