ब्लैक होल की फुफकार बदल रही आकाशगंगाओं की बनावट! नई स्टडी ने खोला ब्रह्मांड के 'राक्षसों' का राज
Advertisement
trendingNow12297221

ब्लैक होल की फुफकार बदल रही आकाशगंगाओं की बनावट! नई स्टडी ने खोला ब्रह्मांड के 'राक्षसों' का राज

Black Hole Winds: ब्लैक होल से उठने वाली हवाएं सिर्फ तारों के बनने की प्रक्रिया पर ही नहीं, आकाशगंगाओं के आकार को भी प्रभावित कर रही हैं. एक नई स्टडी में ब्लैक होल से जुड़ी इस जानकारी का पता चला है.

ब्लैक होल की फुफकार बदल रही आकाशगंगाओं की बनावट! नई स्टडी ने खोला ब्रह्मांड के 'राक्षसों' का राज

Black Hole News: ब्लैक होल पर नई रिसर्च के नतीजे हैरान कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने पाया कि महाविशाल ब्लैक होल का रेडिएशन गैस के बादलों को बड़ी तेजी से धकेल रहा है. रिसर्चर्स के मुताबिक, ब्लैक होल की हवाएं अपनी आकाशगंगा में तारों के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं. इससे आकाशगंगा के आकार पर भी असर पड़ता है.

रिसर्च में पता चला कि एक सुदूर आकाशगंगा में मौजूद गैस के बादलों को 10,000 मील प्रति सेकेंड की स्पीड से बाहर धकेला जा रहा है. जब वैज्ञानिकों ने यह जानने की कोशिश की कि ऐसा क्यों हो रहा है, तब उन्हें आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल की कारस्तानी समझ में आई. यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन के वैज्ञानिकों ने की है.

महाविशाल ब्लैक होल की ताकत

वैज्ञानिक यह समझना चाह रहे थे कि ब्लैक होल अपनी आकाशगंगाओं पर क्या प्रभाव डालते हैं. एस्ट्रोफिजिसिस्ट कैथरीन ग्रियर और रॉबर्ट व्हीटली ने क्वेसार SBS 1408+544 पर नजर डाली. क्वेसार असल में बेहद चमकदार और अशांत तरह के ब्लैक होल होते हैं जो बड़ी आकाशगंगाओं के केंद्र में स्थित होते हैं. वैज्ञानिकों ने क्वेसार SBS 1408+544 के आठ साल तक के डेटा का एनालिसिस किया.

वैज्ञानिकों के अनुसार, अधिकतर आकाशगंगााओं के केंद्र में ब्लैक होल मौजूद हैं. क्वेसार बेहद विशाल ब्लैक होल होते हैं जिनके चारों तरफ पदार्थ की डिस्क मौजूद होती है. बेहद मजबूत गुरुत्वाकर्षण की वजह से पदार्थ खिंचता रहता है. डिस्क का पदार्थ लगातार ब्लैक होल में गिरता रहता है. इस खिंचाव की वजह से डिस्क बेहद गर्म और चमकदार हो जाती है.

Explainer: अंतरिक्ष में कोई मर जाए तो उसकी लाश का क्या होगा? जानिए प्रोटोकॉल

क्वेसार से निकलने वाला प्रकाश ब्रह्मांड की आयु जितना पुराना हो सकता है, इसी वजह से वैज्ञानिक उन्हें अरबों प्रकाश वर्ष दूर से देख पाते हैं. रिसर्चर्स ने पाया कि क्वेसार SBS 1408+544 से गैसीय कार्बन हवाएं रिलीज हो रही हैं. इसका पता उन्होंने गायब प्रकाश से लगाया जिसे गैस ने सोख लिया था. वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में गैस की गति को तेज होते पाया. 

व्हीटली के मुताबिक, 'यह बदलाव हमें बताता है कि गैस तेजी से आगे बढ़ रही है, और हर समय और भी तेज. हवा इसलिए तेज हो रही है क्योंकि इसे रेडिएशन द्वारा धकेला जा रहा है जो कि एक्रेशन डिस्क से बाहर निकल रहा है. हालिया रिसर्च से यह पता चला है कि ब्लैक होल के एक्रेशन डिस्क से तेज गति वाली हवाएं निकलती हैं. ये हवाएं अहम हैं क्योंकि ये होस्ट गैलेक्सी के निर्माण को प्रभावित करती हैं.

आकाशगंगाओं की बनावट बदल रहे ब्लैक होल!

व्हीटली ने कहा, 'अगर वे पर्याप्त ऊर्जा से लैस हैं तो ये हवाएं शायद होस्ट गैलेक्सी तक जा सकती है, जहां इनका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. ये हवाएं स्थितियों के हिसाब से या तो गैस को कंप्रेस करती हैं जिससे तारों के बनने की प्रक्रिया तेज होती है, या फिर गैस को हटाती हैं जिससे तारों का निर्माण रुक जाता है.

Trending news