भारत का अगला पड़ाव अफगानिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेलना है. अफगानिस्तान के गेंदबाजों के प्रदर्शन को हल्के से लेना मुश्किलों को दावत देने के समान होगा.
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आईपीएल का चमकीला धमाका पूरा हुआ. आईपीएल के वर्तमान संस्करण ने दर्शक संख्या और व्यावसायिक सफलता के नए आसमान छुए. क्रिकेट के इस छोटे संस्करण में जब ग्लैमर का तड़का लगा, तो कामयाबी तो अश्वयंभावी थी. जो लोग क्रिकेट को मारधाड़ व जवानी का खेल कह रहे थे, वे हैरानी में पड़ गए कि 34 वर्ष की औसत आयु की चेन्नई फिर चैंपियन बन गई. 33 वर्षीय शेन वॉटसन ने फाइनल में 57 गेंदों पर 117 रन की भीमनुमा पारी खेली, जिसमें 11 चौके और 8 छक्के शामिल थे. यानी 117 में से 92 रन तो चौके और छक्कों की मदद से ही बना लिए. यही शेन वॉटसन थे, जिन्हें माइकल क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करते हुए टीम से बाहर कर दिया था, अब वही क्लार्क कमेंटरी कर रहे थे और शेन वॉटसन की भूरि भूरि प्रशंसा कर रहे थे. क्रिकेट के खेल में वक्त व परिस्थितियां बड़ी तेजी के साथ बदलती हैं. ऑस्ट्रेलिया बोर्ड में राजनीति व बड़े खिलाड़ियों को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति भारत से भी ज्यादा है. आपको याद होगा कि जब ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का प्रशिक्षक बनाया गया था, तब सबसे पहली चोट उन्होंने भारत के कप्तान सौरव गांगुली पर ही की थी.
इस आईपीएल में अफगानिस्तान के स्पिनरों ने जो कमाल दिखाया वह चौंका देने वाला था. राशिद खान ने टूर्नामेंट में 21 विकेट चटकाए व श्रेष्ठतम बल्लेबाजों का शिकार करते रहे. मुजीब ने भी अपनी स्पिन का जाल फैलाया और समालोचकों व क्रिकेटरों को आश्चर्यचकित करते रहे. भारत का अगला पड़ाव अफगानिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेलना है. अफगानिस्तान के गेंदबाजों के प्रदर्शन को हल्के से लेना मुश्किलों को दावत देने के समान होगा. आईपीएल में जिस तरह से महेंद्र सिंह धोनी को राशिद ने बोल्ड किया था और विराट कोहली सहित विश्व के सभी बल्लेबाजों को परेशान किया था, उससे उनकी अद्भुत प्रतिभा का संकेत मिलता है.
इस आईपीएल में अगर क्रिकेट प्रेमी शेन वॉटसन की तूफानी बल्लेबाजी, ऋषभ पंत द्वारा बल्लेबाजी में मचाई गई तबाही व सुनील नारायण की अद्भुत ऑल-राउंडर क्षमता की बातें कर रहे हैं तो साथ ही राशिद खान की उलझनों से भरी गेंदबाजी की भी चर्चा कर रहे हैं. अगर महेंद्र सिंह धोनी के पारस-स्पर्श की बात कर रहे हैं और उनकी कप्तानी की बेपनाह कुशलता की चर्चा हो रही है तो राशिद खान व मुजीब की स्पिन की विविधता की भी बात हो रही है.
अफगानिस्तान एक ऐसा देश है, जो तालिबान आतंकियों का शिकार बना हुआ है. उनका सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक ताना-बाना पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुका है. ऐसी जगह में क्रिकेट की खिलाफत एक आम बात हो गई है. फिर भी केवल अपनी मेहनत, लगन व दृढ़ इच्छाशक्ति के जरिए विश्व क्रिकेट में मुकाम पा लेना एक अद्भुत सफलता कही जाएगी. जहां एक ओर भारतीय खिलाड़ी बेपनाह दौलत, संपन्न बुनियादी ढांचा और बेहतर क्रिकेट तंत्र के कारण तेजी से उभरने के अवसर के बावजूद शिकायत करने के अंदाज में ही दिखाई देते हैं. वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान जैसे संकटग्रस्त इलाकों में से अंतर्विरोध के बावजूद विश्वस्तरीय प्रतिभा निकल आना मानवीय क्षमताओं की अद्भुत मिसाल है. वहां न तो क्रिकेट के सर्वसुविधायुक्त मैदान व स्टेडियम है और न ही प्रशिक्षण की सुविधाएं. नोएडा में मैदान पर पर वे अभ्यास करते हैं. आज अफगानिस्तान के खिलाड़ी दुनिया के बड़े से बड़े खिलाड़ियों के सामने आंख से आंख मिलाकर बातचीत कर रहे हैं.
पूरे IPL में शानदार प्रदर्शन करने वाले राशिद खान ने क्यों मांगी माफी
इनमें से राशिद खान की गुत्थी तो दुनिया के श्रेष्ठ बल्लेबाज भी सुलझा नहीं पा रहे हैं. इतनी धोखाधड़ी उनकी गेंदबाजी में भरी हुई है कि आप सकते में पड़ जाते हैं. आइए नजर डालते हैं कि उनकी गेंदबाजी अन्य गेंदबाजों से भिन्न क्यों है. हम देखें तो पाएंगे कि वह गेंद को काफी फ्लाइट दते हैं. यानी हवा में ऊंचा व धीमा छोड़ते हैं. इससे गेंद को पिच पर पकड़ अच्छी मिलती है और टप्पा खा कर गेंद काफी स्पिन होती है. वह लेग ब्रेक तो ज्यादा स्पिन नहीं कराते, पर उनकी गुगली काफी स्पिन होती है. गुगली गेंद के बीच में उसी एक्शन (यानी बैक ऑफ द हैंड से) से वह सीधी गेंद कर लेते हैं. यहीं पर बल्लेबाज गच्चा खा जाते हैं. उन्हें पता नहीं चलता कि गेंद गुगली हो कर अंदर आ जाएगी या सीधी निकल जाएगी.
VIDEO: तैयार हो जाएं धोनी, राशिद खान भी जड़ते हैं 'हेलिकॉप्टर शॉट'
क्रिकेट की दुनिया बड़ी प्रतिस्पर्धा वाली हो गई है. हर जोड़ का कोई न कोई तोड़ निकाल ही लिया जाता है. राशिद नाम की गुत्थी का भी हल निकाल लिया जाएगा. आजकल टीवी के एक्शन रीप्ले देख देख कर धीमे मोशन में विश्लेषण कर लिया जाता है. राशिद खान की स्पिन की जादूगरी का भी विश्लेषण किया जा रहा है. प्रशिक्षक व खेल के जानकार इसी काम के लिए रखे जाते हैं. आपकी गेंदबाजी में कोई रहस्य है तो इसे ढूंढ़ लिया जाएगा.
लेकिन फिलहाल तो इस बात में संदेह नहीं है कि राशिद खान की उलझी हुई स्पिन गेंदबाजी ने विश्वभर के बल्लेबाजों की नाक में दम कर रखा है. सोशल मीडिया में जब इस बात पर चर्चा चल रही थी कि उसे तो भारत में बुला लेना चाहिए तब अफगानिस्तान की सरकार ने उसे राष्ट्रीय संपत्ति बता दिया. क्रिकेट दुनिया भर में फैल रहा है. अफगानिस्तान में नित नई दुर्घटनाओं के बीच राशिद खान जैसी प्रतिभा का अंकुरित होना हैरतअंगेज कर देने वाला है.