जिन्हें चुभ रहा है Zee News के स्टूडियो में बना भव्य राम मंदिर का मॉडल, वे इसे जरूर पढ़ें
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जिन्हें चुभ रहा है Zee News के स्टूडियो में बना भव्य राम मंदिर का मॉडल, वे इसे जरूर पढ़ें

यह श्रीराम के प्रताप का ही असर है कि उनके अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस आज खुद राममय हो गई है. प्रियंका गांधी से लेकर कमलनाथ, मायावती से लेकर अखिलेश यादव तक खुद को रामभक्त बताते नहीं थक रहे हैं.

जिन्हें चुभ रहा है Zee News के स्टूडियो में बना भव्य राम मंदिर का मॉडल, वे इसे जरूर पढ़ें

आखिरकार वह घड़ी आ ही गई, जिसका वर्षों से इंतजार था. अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का सपना साकार होने जा रहा है. हालांकि, यहां तक पहुंचने के लिए राम के भक्तों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा है. कभी जाति-धर्म के नाम पर मंदिर की राह में बाधा उत्पन्न की गई, तो कभी उसे सियासी साजिशों में उलझाया गया. लेकिन श्रीराम की अलौकिक शक्ति ने साजिश रूपी इन रावणों का ठीक वैसे ही अंत किया जैसे लंकापति रावण का किया था. भूमि पूजन केवल मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक पल नहीं है, बल्कि यह अधर्म पर धर्म की जीत का भी प्रतीक है.

इस जीत का सेहरा करोड़ों राम भक्तों के साथ-साथ बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर बंधता है, जिन्होंने न केवल मंदिर निर्माण का वादा किया बल्कि उसे पूरा करके भी दिखाया. भगवान राम सभी के आराध्य हैं, उन्हें पूजने वाले हर धर्म में हैं. फिर भी उनके मंदिर को धार्मिक उन्माद का विषय बनाया गया. यह बताने का प्रयास किया गया कि मंदिर के समर्थन में खड़ा हर शख्स कट्टर है. यहां तक कि Zee News को भी निशाना बनाया गया, क्योंकि उसने कारसेवा से लेकर भूमि पूजन तक की यात्रा के हर छोटे बड़े पहलू को जनता के समक्ष रखा. अब भी जब Zee News ने स्टूडियो को मंदिर का रूप देकर इस ऐतिहासिक पल से दर्शकों को रूबरू कराने का प्रयास किया है, तो उस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. पूछा जा रहा है कि आखिर कोई चैनल स्टूडियो को मंदिर कैसे बना सकता है?

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हालांकि, ऐसे सवालों का जवाब देश की जनता समय-समय पर देती रही है और आगे भी देगी. ‘ज़ी न्यूज़’ के लिए भगवान राम खबर नहीं हैं और न ही हम TRP की अंधी दौड़ में धर्म एवं आस्था को शामिल करते हैं. भगवान राम भारत का आधार हैं. जन्म से लेकर संपूर्ण जिंदगी और फिर प्रभुधाम की ओर गमन तक, हर पल राम हमारा हिस्सा रहते हैं. राम नाम पर हमारे यहां दुनिया में पधारे नए बच्चे का नाम रखा जाता है, आपस में अभिवादन के तौर पर हम राम-राम कहते हैं. जीवन के हर उत्सव में हम प्रभु राम का स्मरण करते हैं. जीवन के अंत पर भी हम "राम नाम सत्य है’’ के साथ विदा होते हैं. ‘ज़ी न्यूज़’ का प्रयास एक ऐसा माहौल निर्मित करना है, जहां केवल धार्मिक सौहार्द हो, और इसके लिए हम हर तरह की आलोचना सहने के लिए तैयार हैं. हमें गर्व है कि हम प्रभु राम के अनुयायी हैं और लगातार प्रभु काज व प्रभु भक्ति में जुटे रहेंगे.

हर भारतीय की तरह Zee News भी भगवान राम के सिद्धांतों में विश्वास रखता है. यह श्रीराम के प्रताप का ही असर है कि उनके अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस आज खुद राममय हो गई है. प्रियंका गांधी से लेकर कमलनाथ, मायावती से लेकर अखिलेश यादव तक खुद को रामभक्त बताते नहीं थक रहे हैं. भगवान राम को काल्पनिक बताने वाले अब खुद राजनीति के नक्शे से लुप्त हो रहे हैं. राम विरोध में लामबंद हुए सियासी दलों को यह अहसास हो गया है कि मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम का विरोध उनके ताबूत में आखिरी कील से ज्यादा कुछ नहीं. इसलिए वह ‘अधर्म’ की हट छोड़कर ‘धर्म’ के गीत गाने लगे हैं.

अयोध्या का राम मंदिर केवल आस्था का प्रतीक है और इसे इसी रूप में देखा जाना चाहिए. अतीत में क्या हुआ, किसने क्या किया, उसे भूलकर हमें आगे बढ़ना होगा. क्योंकि भगवान राम भी ‘क्षमा’ के पक्षधर हैं. राम भारत की संस्कृति से जुड़े हैं. राम हमारी अखंडता के प्रतीक हैं. आइए हम सब मिलकर श्रीराम के सिद्धांतों, उनकी सीख को आत्मसात करने का प्रयास करें और एक ऐसे भारत के निर्माण का प्रण लें, जहां धर्म के नाम पर सियासत न हो.

लेखक: अभिषेक मेहरोत्रा Zee News के Editor (Digital) हैं.

(इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं) 

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