B'day Special: भारत के वो महान क्रिकेटर जिन्होंने सरहद के पार दिलाई पहली जीत
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B'day Special: भारत के वो महान क्रिकेटर जिन्होंने सरहद के पार दिलाई पहली जीत

17 मई 1945 को टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर भागवत सुब्रमण्या चंद्रशेखर का जन्म कर्नाटक राज्य के मैसूर जिले में हुआ था.

B'day Special: भारत के वो महान क्रिकेटर जिन्होंने सरहद के पार दिलाई पहली जीत

नई दिल्ली: भागवत चंद्रशेखर (Bhagwath Chandrasekhar) को मैच विनर कहा जाता था. ये भारत के वो क्रिकेटर थे जिन्होंने टीम इडिया को सरहद पार पहली जीत का स्वाद चखाया था. हालांकि वो बचपन से ही पोलियो बीमारी का शिकार रहे थे, लेकिन उनके हौंसलों में कभी कोई कमी नहीं आई थी. एक जमाने में भारत की स्पिन चौकड़ी कहे जाने वाले चंद्रा, बेदी, प्रसन्ना और वेंकटराघवन टीम के वो अहम सदस्य थे. इन स्पिनर्स ने दुनिया भर के बल्लेबाजों के नाक में दम कर दिया था और भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऊंचा किया था, लेकिन इसमें चंद्रा का नाम बेहद खास था.

  1. 17 मई 1945 को चंद्रशेखर का जन्म.
  2. 1971 में भारत को पहला टेस्ट जिताया.
  3. बचपन से पोलियो की बीमारी के शिकार.

साल 1971 में भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के दौरे पर गई थी जहां उसे 3 टेस्ट मैच खेलने थे. टीम इंडिया के अपने स्पिन अटैक का पूरा इस्तेमाल किया लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी पहला 2 टेस्ट ड्रॉ हो गया. तीसरा और आखिरी टेस्ट ओवल में खेला जाना था. इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 355 रन का स्कोर खड़ा किया, जिसमें चंद्रशेखर ने 2 विकेट लिए थे. इसके जवाब में भारत की पहली पारी 284 रन पर सिमट गई. फिर इंग्लैंड के बैटिंग आई और इंग्लैंड टीम 101 रन पर ऑल आउट हो गई, इसमें चंद्रशेखर ने 38 रन देकर 6 विकेट लिए थे. भारत ने ये मैच 4 विकेट से जीत लिया था.

भागवत चंद्रशेखर ने अपने 58 टेस्ट मैचों की 97 पारियों में 29.74 के औसत से 242 विकेट लिए. इस दौरान उन्होंने 16 बार एक पारी में 5 विकेट और 2 बार एक मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा किया था, लेकिन उन्हें विदेशों में भारत को पहली जीत दिलाने के लिए ही याद किया जाता है. चंद्रा को एक तेज लेग स्पिनर को तौर पर पहचाना जाता था. वो अपने अनोखे बॉलिंग एक्शन के लिए भी जाने जाते थे.  आज वो अपना 75वां जन्मदिन मना रहे है. हमारी यही दुआ है कि वो जिएं हजारों साल. 

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